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आरोपी ने वहां पर अपना हुलिया बदलते हुए स्वयं को मराठी बना लिया था। पुलिस को उसे पहचानने में पसीना आ गया। गिरफ्तारी के समय भी उसने मराठी वेशभूषा पहन रखी थी और पूछताछ में उसने अपना नाम राजीव बताया। उसके हाथ पर बने टेटू के बारे में पुलिस को जानकारी होने से उसका झूठ पकड़ा गया। कड़ाई से पूछताछ करते ही वह टूट गया। उसने बताया कि उदयपुर में धोखाधड़ी के बाद उसने उज्जैन(मध्यप्रदेश), बडौदा(गुजरात) व पुणे (महाराष्ट्र) में फरारी काटी। बडौदा (गुजरात) में दो माह तक चाय को ठेला लगाया। पुणे में पेटिंग व कलर का का काम कर रहा था। आरोपी के विरुद्ध शहर के विभिन्न थानों में धोखाधड़ी, हत्या का प्रयास, मारपीट के चार प्रकरण दर्ज है।
पूर्व में यह सभी आरोपी पकड़े गए धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस पूर्व में हिस्ट्रीशीटर सेक्टर-14 निवासी प्रीतमसिंह उर्फ बंटी पुत्र हरीसिंह राजपूत व देबारी निवासी प्रेमसिंह पुत्र प्रतापसिंह राजपूत को गिरफ्तार किया। पुलिस पूर्व में पाराखेत हिरणमगरी निवासी खेमराज उर्फ विक्रम पुत्र किशन गमेती, केसरपुरा एकलिंगपुरा निवासी रोशन पुत्र हुकमीचन्द डांगी, कानपुर निवासी शंकरलाल पुत्र देवीलाल डांगी, डांगियों का गुड़ा लखावली निवास पप्पू उर्फ कोबरा पुत्र लेहरीलाल डांगी, कानपुर निवासी भंवरलाल पुत्र डालूजी डांगी व अमरा डूंगरी सेरिया सलूम्बर निवासी हकरीबाई पत्नी होमजी को गिरफ्तार कर चुकी है।
परिवादी भंवरलाल जैन पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि पाराखेत निवासी परिचित खेमराज पुत्र किशन गमेती व अन्य परिचित होने से घर आए। पत्नी की मौजूदगी में कहा कि ब्रह्मपुरी तितरड़ी निवासी बालूसिंह पुत्र सोहनसिंह व उनकी मां नारायणी बाई राजपूत स्वंय की खातेदारी का 2.1600 हैक्टर भूमि का भूखंड बेचना चाहते हैंं। आरोपियों ने एक फर्जी खातेदार व महिला को लाकर भूखंड का सौदा 5 करोड़ में किया तथा अग्रिम 50 लाख ले लिए। परिवादी का कहना था कि वह भूखंड पर जेसीबी लेकर गया तो वास्तविक खातेदार सामने आने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
यूं की धोखाधड़ी आरोपियों ने एक गैंग बनाकर हकरीबाई पत्नी होमजी को मूल खातेदार बालूसिंह की मां नारायणीबाई बनाकर परिवादी के समक्ष पेश करते हुए फर्जी एग्रीमेंट तैयार कर 50 लाख ले लिए। बाकी 4.50 करोड़ की राशि रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ। उसके बाद परिवादी जैन जब भूखंड की सफाई करवाने जेसीबी लेकर पहुंचा तो मूल खातेदार सामने आ गए और मामले का खुलासा हो गया। इस बीच आरोपियों ने फर्जी बैंक खाते में राशि लेकर आपस बंटवारा भी कर लिया।