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एड्स ने झकझोर दिया, जख्मों पर नहीं लगा सरकारी मरहम

locationउदयपुरPublished: Dec 13, 2019 12:16:23 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– एक भी मरीज को नहीं मिला बीपीएल-अन्त्योदय का लाभ- एड्स पीडि़तों के हाल बुरे

एड्स ने झकझोर दिया, जख्मों पर नहीं लगा सरकारी मरहम

एड्स ने झकझोर दिया, जख्मों पर नहीं लगा सरकारी मरहम

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. जिनको एड्स जैसी बीमारी ने तोड़ दिया हो, उन्हें सरकारी मदद मिल जाए, इसे लेकर नियमानुसार सभी एड्स पीडि़तों को बीपीएल मानकर अन्त्योदय योजना से जोड़ा जाना है, लेकिन संभागीय मुख्यालय उदयपुर में एक भी मरीज का बीपीएल कार्ड नहीं बन पाया है। एड्स मरीजों से जुड़कर काम करने वाली संस्थाएं समय-समय पर सरकारी मशीनरी तक आवाज पहुंचाती है तो उन्हें दिलासा देकर लौटा दिया जाता है।
राजस्थान स्टेट एड्स कन्ट्रोल सोसायटी की ओर से सभी जिलों में यह स्थाई आदेश जारी किया गया था कि जो भी एचआईवी पीडि़त हैं, उन्हें बीपीएल में शामिल करने के बाद अन्त्योदय योजना से जोड़ा जाए। तत्कालीन अतिरिक्त खाद्य आयुक्त ने शुरुआत में 29 दिसम्बर 2014 को सभी जिला रसद अधिकारियों को ये निर्देश जारी किए थे कि काफी समय पहले अन्त्योदय परिवारों की सूचियां बनाई गई थी। इसमें 9,32,101 परिवारों का चयन किया गया था, लेकिन इसमें अब उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एचआईवी पीडि़त को जोड़ा जाना है। इससे पूर्व वर्ष 2010 में प्रमुख शासन सचिव खाद्य ने सभी जिला रसद अधिकारियों को आदेश जारी किए थे।
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यहां है बड़ी गफलत

बताया जा रहा है कि एआरटी सेन्टर से सीधे ही ये सूचियां जिला रसद अधिकारी तक पहुंचाई जानी चाहिए थी और वहां से उन नामों पर बीपीएल की मुहर लगनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। दूसरी ओर रसद विभाग की दलील है कि ये कार्य एसडीओ के माध्यम से हो रहा है। इ-मित्र से पीडि़तों को ऑनलाइन आवेदन कर स्वयं को पुष्ट करना होगा कि वह एचआइवी ग्रस्त या एड्स रोगी है।
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नहीं किया जा रहा चयनित
एसडीओ व बीडीओ को लिखकर भेजा जाता है कि इन लोगों को बीपीएल में शामिल किया जाए, ये कार्य रसद विभाग के माध्यम से होता है। बीपीएल में ऑनलाइन कोई काम नहीं है। चिकित्सालय स्थित एआरटी सेन्टर के माध्यम से रिपोर्ट जिला रसद अधिकारी को भेजी जाती है। नाम उसी से तय होते हैं। जिनमें अब तक एक भी एड्स रोगी के बीपीएल का कार्ड नहीं बना।
विक्रम शर्मा, संचालक, एसएनपी प्लस संस्था (एड्स पीडि़तों के लिए संचालित)
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इसके लिए इ-मित्र से आवेदन किया जाता है। इन आवेदनों के माध्यम से जानकारी एसडीओ के पास जाती है, वहां से इन मरीजों के नाम बीपीएल सूची में जुड़ जाते हैं। हमारे पास सीधे कोई आवेदन या नाम नहीं आता।
ज्योति ककवानी, जिला रसद अधिकारी, उदयपुर
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