9 माह में 13 मरीजों को किया जा चुका एयरलिफ्ट कोरोना महामारी में ऐसा दौर देखने को मिल रहा है, जब कोरोना से पीडि़त लोगों की कुछ ही समय में संक्रमण जान ले रहा है। ऐसे समय में जितनी जल्दी मरीज को उपचार मिले, वही बेहतर होता है। ऐसी परिस्थितियों में ही उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर मेडिकल इमरजेंसी फ्लाइट्स एक मददगार की भूमिका निभा रही हैं। कोविड के गंभीर मरीजों को एयर लिफ्ट कर दूसरे राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है। अब तक इस वर्ष अक्टूबर 2020 से लेकर अब तक 13 मेडिकल फ्लाइट्स को मेडिकल इमरजेंसी के तहत मरीजों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है।
पीपीई किट व कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि एयर एम्बुलेंस मरीजों के परिजनों की तरफ से ही बुक कराई जाती है। इसके तहत एम्बुलेंस के माध्यम से मरीज को एयरपोर्ट पर लाया जाता है। यहां पहुंचने के बाद एयरपोर्ट की एक फॉलो मी गाड़ी जो एम्बुलेंस के आगे चलते हुए प्लेन तक ले जाती है। फिर मरीज को प्लेन में शिफ्ट किया जाता है। इस दौरान सभी पीपीई किट में होते हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसमें केवल मरीज व डॉक्टर्स या सहायक यदि उन्हें स्वीकृति मिली हो तो वे जाते हैं।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि एयर एम्बुलेंस मरीजों के परिजनों की तरफ से ही बुक कराई जाती है। इसके तहत एम्बुलेंस के माध्यम से मरीज को एयरपोर्ट पर लाया जाता है। यहां पहुंचने के बाद एयरपोर्ट की एक फॉलो मी गाड़ी जो एम्बुलेंस के आगे चलते हुए प्लेन तक ले जाती है। फिर मरीज को प्लेन में शिफ्ट किया जाता है। इस दौरान सभी पीपीई किट में होते हैं। कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसमें केवल मरीज व डॉक्टर्स या सहायक यदि उन्हें स्वीकृति मिली हो तो वे जाते हैं।
इनका कहना है… ये स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट्स हैं, जिन्हें एयर एंबुलेंस बोला जाता है। इनमें कोविड मरीजों के अलावा सामान्य मरीजों को भी ले जाया चुका है। लेकिन अभी इस दौर में कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा है। प्रशासन व अन्य स्वीकृतियां पूरी होनी चाहिए। अगर मरीज को कोविड होता है तो उसके लिए कलक्टर स्वीकृति देते हैं।
नंदिता भट्ट, निदेशक, उदयपुर एयरपोर्ट