दरअसल, विमानन सुरक्षा शुल्क पहले हर यात्री से 160 रुपए लिया जाता था। 1 अप्रेल से 25 फीसदी बढ़ोतरी के साथ हर यात्री से अब 200 रुपए लिए जाएंगे। इससे हर यात्री को पहले के मुकाबले ज्यादा किराया देना होगा। हालांकि कुछ यात्री समूहों को शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है। इनमें दो वर्ष से कम आयु के बच्चे, राजनयिक पासपोर्ट धारक, ड्यूटी पर एयरलाइंस चालक दल, भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित विमानों पर आधिकारिक ड्यूटी पर जाने वाले व्यक्ति, संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों पर आधिकारिक ड्यूटी पर जाने वाले व्यक्ति, किसी के साथ प्रस्थान करने वाले व्यक्ति शामिल हैं।
किराया महंगा होने से बिजनेस पर पड़ेगा असर ट्रेवल एजेंट अफरोज खान के अनुसार, फ्यूल चार्ज पहले ही बढ़ चुका है और अब सिक्योरिटी चार्ज भी बढ़ जाने से हवाई यात्रा महंगी साबित होगी। इससे बिजनेस पर असर पड़ेगा। कोरोना काल में उदयपुर से पहले ही उड़ानें बंद हो गई थीं। फिर हालात थोड़े सुधरे तो उड़ानें फिर शुरू हुई। लेकिन, अब समर शेड्यूल में महज 3 शहरों के लिए उड़ानें रह गई हैं बाकी सभी बंद हो चुकी हैं। ऐसे में यात्रा पर असर पडऩा निश्चित है और फिर टिकट्स का महंगा होना दोहरी चोट है।
यह है एयर सिक्योरिटी फीस
विमानन कंपनियां टिकट की बुकिंग के समय यात्रियों से एयर सिक्योरिटी फीस वसूल कर सरकार को दे देती है। इस राशि का इस्तेमाल पूरे देश के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर किया जाता है। हर साल करोड़ों रुपए एयर सिक्योरिटी फीस के तौर पर लिए जाते हैं, जिनसे देश के सभी हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर खर्च किया जाता है। साथ ही नए हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम भी इसी राशि से किया जाता है।
विमानन कंपनियां टिकट की बुकिंग के समय यात्रियों से एयर सिक्योरिटी फीस वसूल कर सरकार को दे देती है। इस राशि का इस्तेमाल पूरे देश के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर किया जाता है। हर साल करोड़ों रुपए एयर सिक्योरिटी फीस के तौर पर लिए जाते हैं, जिनसे देश के सभी हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर खर्च किया जाता है। साथ ही नए हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम भी इसी राशि से किया जाता है।
वर्तमान में ये है हवाई किराया उदयपुर-मुंबई- 3000 से 6000 रु. के बीच
उदयपुर- दिल्ली – 3000 से 8000 रु. के बीच उदयपुर- बेंगलूरू – 4000 से 9000 रु. के बीच