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मेवाड़ बोला जरूरतमंदों के साथ हर पल साथ रहेंगे भामाशाह, आगे भी तैयार

locationउदयपुरPublished: May 27, 2020 11:40:35 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

जैन समाज के प्रतिनिधि बोले, अब मदद के साथ रोजगार पर फोकस करना होगा

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मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. कोविड-19 के बाद से लागू लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। बड़े शोरूम से लेकर छोटा दुकानदार घर बैठा है। ऐसे में घर चलाने की मुश्किलें खड़ी हुई लेकिन सबसे ज्यादा वह प्रभावित हुए जो रोजाना कमाई कर ही घर वालों का पेट भर रहे थे। आज वे बेकार हो गए है लेकिन जैन समाज के भामाशाहों और संस्थाओं ने उनकी मदद के लिए जब से लॉकडाउन लगा तब से हाथ आगे बढ़ाया है। जो सम्पन्न नहीं है वह भी भामाशाह की तरह अपने हाथ बने उतना सहयोग कर रहा है। इतना लम्बा समय निकल गया है और अब यह मानना होगा कि कोरोना से घबराने की बजाय इससे मुकबला करते हुए इसके साथ जीना होगा। सबसे पहले हमे वापस अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा और उद्यमियों व व्यापारियों के लिए जो चुनौतियां है उस पर सरकार को मदद करनी होगी। यह बात राजस्थान पत्रिका के सोशल कनेक्ट अभियान के तहत मंगलवार को जैन समाज के प्रबुद्धजनों ने वेबमीटिंग में रखी। कार्यक्रम का संचालन उप महाप्रबंधक अरुण शाह ने किया, उन्होंने जैन समाज के विभिन्न लोगों से संकट के समय एक जुट होकर कोविड से लडऩे का संकल्प दिलाया। पत्रिका के संपादकीय प्रभारी संदीप पुरोहित ने कहा कि मेवाड़ की धरती पर भामाशाहों की कमी नहीं है, इस समय में संकट से लडऩे और इसके साथ जीने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। धन्यवाद शाखा प्रबंधक प्रिंस प्रजापत ने दिया। प्रस्तुत है संवाद की मुख्य बातें-

रोजगार उपलब्ध कराएंगे

जिनके हाथ से रोजगार चला गया है उनके लिए हम एक प्लेटफॉर्म पर आवेदन एकत्रित करेंगे। उसके बाद उन बंधुओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बनाएंगे। आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए तमाम प्रयास करेंगे।
– राजकुमार फत्तावत, संयोजक महावीर जैन परिषद
यह समय मदद का
यह समय मदद का ही है। सहायता के लिए सबने अच्छी भूमिका निभाई। हमे ऐसे जरूरतमंदों को संभालना है। सरकार की गाइड लाइन को पूरा फॉलो करें और घर में ही सुरक्षित रहे। इससे लडऩे के लिए अब इसके साथ जीना होगा।
-शांतिलाल जैन, अध्यक्ष सकल दिगम्बर जैन समाज
गृहणियों के लिए भी लघु उद्योग की तैयारी

सबसे पहले हमे एक सूची तैयार करनी होगी कि किस-किस इंडस्ट्रीज को किस तरह की जरूरत है। इसका डेटा तैयार होंगे तो रोजगार पाने वाले व देने वालों दोनों को सुविधा होगी। घर में गृहणियों के लिए भी लघु उद्योग खड़े करने होंगे।
– विनोद फांदोत, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच

बिजली के फिक्स चार्ज माफ करें
नुकसान बहुत हो गया है, अब इसके साथ जीना होगा। बिजली विभाग जो उद्योगों से जो फिक्स चार्ज ले रहा है वह स्थगित किए जबकि माफ करने चाहिए। दो महीने से उद्योग बंद हैं, कई राज्यों ने इसे माफ किया है, यहां भी होना चाहिए।
– महेंद्र टाया, अध्यक्ष बीसा नरसिंहपूरा तेरापंथ समाज

एमएसएमई सेक्टर पर फोकस हो
एमएसएमई सेक्टर पर फोकस सरकार को करना होगा। जमीनी स्तर पर जो पैकेज दिया गया उसका फायदा मिले। इस संकट में मदद के साथ ही टेलेंट को भी आगे लाना होगा, जो प्रोजेक्ट ऐसे युवाओं ने बनाए उनको एक मंच पर रखा जाए, सबको फायदा मिलेगा।
– निर्मल कुमार जैन,अध्यक्ष मेवाड़ जैन युवा संस्थान
जितनी मदद कर सके वह जरूर करें हम

जरूरतमंदों के लिए बहुत सेवाएं अलग-अलग संगठनों ने की। समाज के संगठन आज भी तैयार है, किसी को कोई तकलीफ नहीं हो। यह समय तो जाएगा लेकिन इस समय हम जितनी मदद जरूरतमंदों की कर सके वह बेहतर होगा।
– संजय भंडारी, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री, जैन कॉन्फ्रेंस
आत्मनिर्भर के लिए प्लान बनाना होगा

घर में भी आत्मनिर्भर के लिए काम करना होगा। समाज स्तर पर भी इसकी प्लानिंग बनाई जा सकती है। सरकार ने लॉकडाउन लागू कर अपना काम कर दिया अब जरूरत समाज व लोगों के स्तर पर जागरूकता लाने का है जो सबको करना है।
– कुलदीप नाहर, मंत्री जैन श्वेताम्बर महासभा
पैकेज की प्रक्रिया सरल शब्दों में बताना चाहिए

सरकार ने जो राहत का पैकेज दिया है उसके लघु उद्योगों को होने वाले फायदें और उसकी प्रक्रिया को सरल तरीके से समझाने की जरूरत है। ऐसा होगा तो जमीनी स्तर पर संकट में मुश्किलों में आए लोगों को फायदा मिलेगा।
– अशोक कुमार जैन अध्यक्ष दिगम्बर जैन बीस पंथ खंडेलवाल समाज
स्वदेशी को बढ़ावा देना होगा

स्वदेशी को बढ़ावा देना होगा। रोजाना मदद करने के अलावा ऐसे लोगों को स्थायी रोजगार देने पर भी काम करना होगा। विधवा, परित्यक्ता महिलाएं बहुत तकलीफ में उनके लिए रोजगार के लिए भी हमे प्लान करना होगा।
– महेन्द्र तलसेरा, समाजसेवी
एक-दूजे की सहायता करें

कोविड से डरने की नहीं मुकाबला करने की जरूरत है। सबसे पहले तो सावधानी रखना होगा। सब मिलकर एक-दूसरे की सहायता करें। स्थायी सहायता के लिए रोजगार का विकल्प तैयार करने के लिए मिलकर काम करें।
– कैलाश जैन, सचिव, दिगम्बर जैन खंडेलवाल तेरहपंथ समाज
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लॉकल आइडिया पर काम हो
चुनौती को लेकर हमे अच्छे से काम करना होगा। इसमें लॉकल आइडिया पर मेहनत करनी होगी। पैकेज जो सरकार ने जारी किए उनकी जानकारी ही नहीं है पूरी, ऋण को लेकर क्रियान्वित कैसे होगी आदि जानकारी देनी चाहिए स्थानीय प्रशासन को।
– दीपक सिंघवी, महामंत्री भारतीय जैन संघटना उदयपुर
विकास की सीढ़ी आगे बढ़ाए

विकास की सीढ़ी आगे बढ़ाए। सहायता के लिए सबकी पहल अच्छी रही लेकिन मदद के साथ अब ऐसे परिवारों को रोजगार देना होगा। सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा पर काम किया है लेकिन कई बच्चों के पास मोबाइल नहीं होने से मुश्किलें भी है।
– शशिकांत शाह, सचिव, दिगंबर जैन धर्म प्रभावना समिति
प्रवासियों के रोजगार पर भी विचार हो

जो प्रवासी आए है उनके रोजगार को लेकर विचार करना जरूरी होगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के प्रबंध कैसे हो सकते है, लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार को भी एक कदम आगे बढ़ाना होगा।
्र- सुमतिलाल जैन, अध्यक्ष दिगम्बर जैन बीसा नरसिंहपुरा समाज
कोरोना वॉरियर्स को सलाम

अब कोविड के साथ ही जीना है तो नीचे के स्तर तक जागरूकता पर अब भी बड़ा काम करना होगा। जरूरतमंदों की मदद के साथ कोरोना वॉरियर्स के काम को भी सलाम करते है। उनका सम्मान समय-समय पर होना चाहिए।
– अभिषेक संचेती, अध्यक्ष भारतीय जैन संघटना
कोई भूखा नहीं रहे

इस संकट में कोई भूखा नहीं रहे इसके लिए हमने एक योजना चला रखी है। हाथ जोडऩे, मास्क लगाना, खाने से पहले हाथ धोने के जो नियम जैन समाज में है आज कोरोना से बचाव में भी ये नियम आए है। हमे अपनी परम्परा को निभाना होगा।
– सुधीर चित्तौड़ा, अध्यक्ष जैन जागृति सेंटर
साथ लेकर चलना है

जीवन कैसे जीना है और संकट से कैसे उभरे इसके लिए समाज को साथ लेकर चलना होगा। स्वदेशी को बढ़ावा देना होगा। विपदाओं से हमे मुकाबला करना होगा, सर्तक रहते हुए हमे आगे बढऩा है, वैसे हम पहले कई सकट से लड़ चुके है।
– सुमति प्रकाश जैन, अध्यक्ष दिगंबर जैन दसा नरसिंहपुरा समाज
जैन सिद्धांतों की प्रासंगिकता सामने आई

जैन समाज के सिद्धांत आज प्रासंगिक हो रहे है। कई सिद्धांतों को आज कोरोना काल में अपनाया जा रहा है वह जैन समाज पहले ही अपना रहा है। सबको जीओ और जीने दो के संदेश के साथ सबकी भलाई करनी है।
– चन्द्रप्रकाश चोरडिय़ा, समन्वयक महावीर जैन युवा संस्थान
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