उदयपुर

अनूठा कर दिखाया तो अलंकरण का ताज सजाया, सम्मान पाकर अभिभूत हुई विभूतियां

-महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन का ३6वां वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह

उदयपुरMar 12, 2018 / 02:13 am

मुकेश कुमार

उदयपुर . कर्मवीर के आगे पथ का, हर पत्थर साधक बनता है…दीवारें भी दिशा बतातीं, जब मानव आगे बढ़ता है..। ऐसे कर्मवीरों को मेवाड़ की पवित्र धरा पर अलंकृत किया गया। सिटी पैलेस के माणक चौक में रविवार शाम मेवाड़ फाउंडेशन के 36वें वार्षिक अलंकरण समारोह में सम्मानित विभूतियां भी अभिभूत हुई। कुछ कर्मवीरों ने मंच से ही जीवन पर्यंत समाज एवं देश के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प किया। खुशी के आंसू भी छलके। कुछ विभूतियों ने उनको उपहार स्वरूप मिली राशि का उपयोग समाज हित में करने का संकल्प दोहराया।
 

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फाउंडेशन अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी अरविन्द सिंह मेवाड़ ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य एवं नगर स्तर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को नवाजा। पूर्व सांसद बाल कवि बैरागी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में अंतराष्ट्रीय स्तरीय कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण प्रो. जॉन स्टै्रटन हावले को प्रदान किया गया। कोलंबिया विश्वविद्यालय के बनार्ड कॉलेज के प्रो. हावले भारत की भक्ति परम्पराओं और धर्म के तुलनात्मक अध्ययन के लिए जाने जाते हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पहचान रखने वाली १३३ विभूतियों को विशेष अवार्ड दिए गए। इसमें शिक्षा, खेलकूद सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले ११६ विद्यार्थी भी शामिल हैं। संचालन गोपाल सोनी एवं रूपा चक्रवर्ती ने किया, जबकि आभार रस्म न्यासी लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने अदा की।
 

ये हुए सम्मानित
इस दरम्यिान कर्नल जेम्स टॉड अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से प्रो. जोन स्ट्रेटन हावले को अलंकृत किया गया। वहीं राष्ट्रीय स्तरीय हकीम खां सूर अलंकरण मेट्रोमेन डॉ. ई श्रीधरण, हल्दी घाटी अलंकरण पत्रकार सुहासिनी हैदर, महाराणा उदयसिंह पुरस्कार गफार भाई कुरैशी और पन्नाधाय अलंकरण सलीम गफूर शेख व हर्ष देसाई को प्रदान किया गया। इसी तरह महर्षि हारीत राशि अलंकरण डॉ. संदीप जोशी व डॉ. चंद्रकांत पुरोहित, महाराणा मेवाड़ अलंकरण प्रो. सत्यव्रत शास्त्री, आबिद सुरती व रसप्रीत सिधु, महाराणा कुंभा देवकिशन राजपुरोहित, महाराणा सज्जनसिंह अलंकरण अभिषेक जोशी, डागर घराना प्रशांत मलिक व निशांत मलिक, राणा पूंजा अलंकरण वरदीबाई, अरावली अलंकरण हिमांशु लाम्बा व मिहिर सोनी तथा महाराणा मेवाड़ विशेष अलंकरण कोटा शहर के मकबरा पुलिस थाना को प्रदान किया गया। इस क्रम में 23 विद्यार्थियों को भामाशाह सम्मान, 17 को महाराणा राजसिंह सम्मान और 76 विद्यार्थियों को महाराणा फतेहसिंह सम्मान से नवाजा गया।
 

सम्मान में यह नवाजा
फाउंडेशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय अवार्ड के साथ दो लाख रुपए, तोरण, शॉल व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। राष्ट्र स्तरीय सम्मान धारकों को एक लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र व शॉल भेंट की गई। राज्य स्तरीय सम्मान में प्रशस्ति पत्र, शॉल व 51 हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। भामाशाह अलंकरण से वर्ष 2017 के 23 विद्यार्थियों को 11,001 रुपए की सम्मान राशि, महाराणा राजसिंह अलंकरण से 17 विद्यार्थी को 11,001 तथा महाराणा फतह सिंह अलंकरण से 76 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को 5001 रुपए की की सम्मान राशि, पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
 

हिन्दी बोल चौंका दिया प्रो हावले ने
महाराणा अमरसिंह (द्वितीय) के समय में सूरदास पर बनी
मेवाड़ी चित्रशैली पर अध्ययन कर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुस्तक की पहचान देने वाले कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रो. हावले ने सम्मान के बाद मंच पर हिन्दी बोलकर आश्चर्यचकित किया।
 

…बताया मेवाड़ का गौरवमयी इतिहास
ख्यातनाम कवि पंडित नरेंद्र मिश्र ने मेवाड़ की गौरवगाथा वाली कविताओं का मंचन कर दर्शकों का ध्यान इतिहास के पन्नों की तरफ आकर्षित किया। बालकवि बैरागी ने होनहार विद्यार्थियों को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया कि वे जीवन में निराशा और हताशा का भाव नहीं रखें।
 

…और इनके सम्मान में खड़ा हुआ हर शख्स
संस्कृत भाषा के विद्वान प्रो. सत्यव्रत शास्त्री महाराणा मेवाड़ अलंकरण से नवाजे गए। मंच से जैसे ही यह कहा गया उम्र के ८८वें पड़ाव पर प्रो. शास्त्री का यह १००वां पुरस्कार है, लोगों ने उनके सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाई। वहीं प्रो. शास्त्री भी खुद को रोक नहीं सके और अपनी सीट से पांच बार उठकर दर्शकों का सम्मान स्वीकार किया। इसी तरह अमरनाथ यात्रियों को आतंकियों से बचाने वाले बस ड्राइवर सलीम गफूर शेख और हर्ष देसाई का भी उसी अंदाज में लोगों ने खड़े होकर तालियों की गडग़ड़ाहट से सम्मान किया। सम्मान के दौरान इनके आंसू छलक पड़े। उम्र के 85वें वर्ष में मेट्रो के लिए कर्मशील डॉ. ई. धरन की उपलब्धियों पर भी खूब तालियां अनूठा कर दिखाया तो अलंकरण का ताज सजाया
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