आपदा प्रबंधन एवं विभाग मशीनों की खरीद के लिए 22 करोड़ रुपए दे चुका है एवं पांचवें राज्य वित्त आयोग की भी राशि जोड़कर कुल बजट में से राज्य के 32 नगर निकायों को 2013 में ही क्विक रेस्पॉन्स व्हीकल (500 लीटर क्षमता के) दे चुका है। शेष 18 करोड़ रुपए इन चार बड़े शहरों की बढ़ती आबादी और बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के मद्देनजर एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म खरीदने के लिए दिए गए। मशीन की कीमत चार से 18 करोड़ रुपए तक होती है।
आयात करनी पड़ती है मशीन
32 से 60 मीटर तक हवा में हर एंगल पर घूमकर बचाव कार्य और आग बुझाने में सक्षम उच्च तकनीक से लैस यह सीढ़ीनुमा मशीन भारत में निर्मित नहीं होती है। इसलिए इसे विदेशों से आयात किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले माह स्थानीय निकाय विभाग ने मशीन का टेण्डर करने के साथ ही विदेशी निर्माता कम्पनी को खरीदी का कार्यादेश तय शर्तों के साथ जारी कर दिया है। अब यह मशीन उपलब्ध होने का इंतजार है।
ये हैं लेकसिटी में मौजूदा अग्निशमन इंतजाम
– कुल 14 फायर ब्रिगेड हैं फायर सेंटर के पास
– दो से 14 हजार लीटर पानी फायर करने की इनकी क्षमता
– तंग गलियों में जाने के लिए एक मोटरसाइकिल है, जो पोर्टेबल फायरब्रिगेड का काम करती है
– पुलिस कंट्रोल रूम और जगदीश चौक में दो स्पेशल यूनिट तंग बाजार में किसी भी हालात से निपटने के लिए तैनात
– कुल 50 होमगार्ड, 20 अग्निशमन के स्थायी कर्मचारी, 25 चालक राउण्ड द क्लॉक रहते हैं तैनात
– दिवाली सीजन के मद्देनजर 20 अतिरिक्त होमगार्ड नियुक्त किए
एरियल हाइड्रालिक लैडर प्लेटाफॉर्म का हमें इंतजार है। यह मशीन मिलने के बाद बचाव कार्य की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। दीपोत्सव के तहत आगजनी और मुश्किल हालात से निपटने के लिए फायर सेंटर मुस्तैद है। सभी गाडिय़ों में डीजल भरवाकर रखा है, कार्मिकों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के जरूरी उपकरण रखवा दिए हैं।
जलज घसिया, प्रभारी, फायर सेंटर, नगर निगम