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कितनी दिवाली गुजर गई, उदयपुर को नहीं मिला ‘संकटमोचक’

locationउदयपुरPublished: Oct 26, 2019 05:51:47 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

उदयपुर सहित चार शहरों को एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म का इंतजार, अग्निशमन और रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी मददगार होती है यह मशीन

कितनी दिवाली गुजर गई, उदयपुर को नहीं मिला 'संकटमोचक'

कितनी दिवाली गुजर गई, उदयपुर को नहीं मिला ‘संकटमोचक’

जितेन्द्र पालीवाल @ उदयपुर. शुक्र मनाएं कि पिछले पांच साल में शहर में दिवाली पर आगजनी की कहीं कोई बड़ी घटना नहीं हुई, वर्ना लम्बे समय से एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म का इंतजार कर रहे फायर सेंटर को मुश्किलें पेश आ सकती थीं। जाने कितनी ही दीपावली निकल गई, मगर उदयपुर सहित राज्य के चार बड़े शहरों को इस ‘संकटमोचकÓ बहुपयोगी मशीन का अब भी इंतजार बना हुआ है। हालांकि इसके लिए टेण्डर प्रक्रिया की जा चुकी है। विदेशी निर्माता फर्म से इसकी सप्लाई होने के बाद ही यह मुहैया होगी।
जानकारों ने बताया कि पांच से 30 लाख और उससे भी ज्यादा आबादी वाले शहरों उदयपुर, जयपुर, जोधपुर और औद्योगिक शहर भिवाड़ी के लिए पांच साल पहले उच्च तकनीक से लैस यह मशीन उपलब्ध कराने की योजना राज्य सरकार ने प्रस्तावित की थी। उसके बाद टेण्डर प्रक्रिया स्थानीय स्तर या स्थानीय निकाय विभाग के स्तर पर ही किए जाने को लेकर असमंजस बना रहा।
18 करोड़ दे चुका था आपदा प्रबंधन
आपदा प्रबंधन एवं विभाग मशीनों की खरीद के लिए 22 करोड़ रुपए दे चुका है एवं पांचवें राज्य वित्त आयोग की भी राशि जोड़कर कुल बजट में से राज्य के 32 नगर निकायों को 2013 में ही क्विक रेस्पॉन्स व्हीकल (500 लीटर क्षमता के) दे चुका है। शेष 18 करोड़ रुपए इन चार बड़े शहरों की बढ़ती आबादी और बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के मद्देनजर एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म खरीदने के लिए दिए गए। मशीन की कीमत चार से 18 करोड़ रुपए तक होती है।

आयात करनी पड़ती है मशीन
32 से 60 मीटर तक हवा में हर एंगल पर घूमकर बचाव कार्य और आग बुझाने में सक्षम उच्च तकनीक से लैस यह सीढ़ीनुमा मशीन भारत में निर्मित नहीं होती है। इसलिए इसे विदेशों से आयात किया जाता है।
हो चुका है टेण्डर, सप्लाई का इंतजार
सूत्रों ने बताया कि पिछले माह स्थानीय निकाय विभाग ने मशीन का टेण्डर करने के साथ ही विदेशी निर्माता कम्पनी को खरीदी का कार्यादेश तय शर्तों के साथ जारी कर दिया है। अब यह मशीन उपलब्ध होने का इंतजार है।

ये हैं लेकसिटी में मौजूदा अग्निशमन इंतजाम
– कुल 14 फायर ब्रिगेड हैं फायर सेंटर के पास
– दो से 14 हजार लीटर पानी फायर करने की इनकी क्षमता
– तंग गलियों में जाने के लिए एक मोटरसाइकिल है, जो पोर्टेबल फायरब्रिगेड का काम करती है
– पुलिस कंट्रोल रूम और जगदीश चौक में दो स्पेशल यूनिट तंग बाजार में किसी भी हालात से निपटने के लिए तैनात
– कुल 50 होमगार्ड, 20 अग्निशमन के स्थायी कर्मचारी, 25 चालक राउण्ड द क्लॉक रहते हैं तैनात
– दिवाली सीजन के मद्देनजर 20 अतिरिक्त होमगार्ड नियुक्त किए
हमें भी इंतजार
एरियल हाइड्रालिक लैडर प्लेटाफॉर्म का हमें इंतजार है। यह मशीन मिलने के बाद बचाव कार्य की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। दीपोत्सव के तहत आगजनी और मुश्किल हालात से निपटने के लिए फायर सेंटर मुस्तैद है। सभी गाडिय़ों में डीजल भरवाकर रखा है, कार्मिकों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के जरूरी उपकरण रखवा दिए हैं।
जलज घसिया, प्रभारी, फायर सेंटर, नगर निगम
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