उदयपुर

लोकभाषा के संरक्षण से होगी संस्कृति एवं कला की सुरक्षा – भानु भारती

‘आडावळ’ महोत्सव के पोस्टर का विमोचन

उदयपुरJun 19, 2019 / 02:48 am

Manish Kumar Joshi

लोकभाषा के संरक्षण से होगी संस्कृति एवं कला की सुरक्षा – भानु भारती

उदयपुर . लोकभाषा आमजन के संस्कारों की संवाहक होती है राजस्थानी भाषा का संरक्षण ही इसकी कला और संस्कृति की सुरक्षा करेगा।
उक्त विचार राजस्थान साहित्य महोत्सव ‘आडावळ’ के पोस्टर विमोचन अवसर पर लोक कला मर्मज्ञ एवं देश के प्रख्यात रंगकर्मी भानु भारती ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ‘आडावळ’ जैसे समारोह नौजवानों और युवाओं को अपनी जड़ों से जोडऩे का कार्य करेगा, मुझे इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने की खुशी है। समारोह निदेशक शिवदान सिंह जोलावास ने बताया कि ‘आडावळ’ महोत्सव के अन्तर्गत अरावली पर्वतमाला के इर्द-गिर्द बसी जनजातियों-समुदायों की लोकभाषा, संस्कृति, कला आदि का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना है। राजस्थानी की पाण्डुलिपि, पट्टा तथा शिलालेख पर लिखी राजस्थानी इबारत को पढऩे, समझने एवं सीखने की जानकारी इस महोत्वसव में प्रदान की जाएगी। विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ राजस्थानी की पुरातन धरोहर किले एवं बावड़ी का स्थापत्य, निर्माण शैली तथा वैश्विक संरक्षण की जानकारी सैंकड़ों वर्ष पुराने जल प्रबंधन की तकनीक भी इस महोत्सव में बताई जाएगी। निदेशक शिवराज सोनवाल ने बताया कि आयोजन में प्रदेश के युवाओं को राजभाषा से होने वाले लाभ, आठवीं अनुसूची एवं क्षेत्रीय भाषाओं से प्रतियोगी परीक्षाओं एवं उच्च शिक्षा में रोजगार सृजन आदि विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
लेकसिटी प्रेस क्लब के सभागार में ‘आडावळ’ महोत्सव के पोस्टर विमोचन के अवसर पर शहर की प्रतिष्ठित साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के संस्थापक, निदेशक, अध्यक्ष आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर मौलिक ऑर्गेनाइजेशन के महेश आमेटा, अमी संस्थान के योगेश कुमावत, मुस्कान क्लब से रतन सुखववाल, मदनलीला संस्थान से कमलेश शर्मा, महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक क्लब से भंवर सेठ, युगधारा से ज्योतिपुंज, लालदास पर्जन्य, उदयपुर सेवा समिति से राजेन्द्र सेन, नवकृति से चन्द्रकांता बंसल, शिक्षक संघ से जसवन्त सिंह पंवार, इंजीनियर पुरूषोत्तम पालीवाल, कवि विजय मारू, संगीतकार कपिल पालीवाल, नाट्य कलाकार अनिल दाधिच, साहित्य अकादमी से विष्णु पालीवाल, डॉ. तेजप्रकाश आमेटा, लेकसिटी प्रेस क्लब के सदस्य आदि उपस्थित थे।

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