गौरतलब है कि तीन दिन पहले उदयपुर में नृशंस हत्या और इसके बाद प्रदेशभर में फैले तनाव को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उदयपुर आए और यहां की स्थिति को लेकर उच्चाधिकारियों से क्राइम मीटिंग भी की थी। मुख्यमंत्री के यहां से जाते ही आदेश आना शुरू हुए। पहले आइजी हिंगलाजदान और एसपी मनोज कुमार को हटाया गया। अब जिम्मेदार अधिकारियों को निलम्बित किया गया है। माना जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्र में पुलिस के खूफिया तंत्र की भारी चूक रही है। उदयपुर में इस तरह की आतंकी साजिश रची जा रही थी और खूफिया तंत्र को भनक तक नहीं लगी। समय रहते आतंकी साजिश की सूचना मिल जाती तो कन्हैयालाल की जान बच सकती थी। यही नहीं पुलिस की ओर से कन्हैयालाल को सुरक्षा दे दी जाती तो भी जान बच सकती थी, लेकिन पुलिस ने इस में लापरवाही बरती थी।