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जमा नहीं कराए बिल, निगम ने तीन स्वास्थ्य केन्द्रों की बिजली काटी

locationउदयपुरPublished: Jan 02, 2018 05:11:06 pm

Submitted by:

Moinuddin Abbasi

आदिवासी क्षेत्र में पीपीपी मोड वाले अस्पतालों के हाल…अस्पताल प्रबंधन बोला-अधिकारियों को बता चुके हालात

phc malva ka chora
कोटड़ा. विद्युत निगम ने उपखंड क्षेत्र के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) की बिजली काट दी है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चल रहे इस अस्पतालों के बिल बाकी हैं। मालवा का चौरा पंचायत मुख्यालय पर संचालित पीएचसी में तीन दिन से बिजली नहीं है। लम्बे समय से बिल जमा नहीं होने के कारण निगम ने कनेक्शन काट दिया है। उधर, मेवाड़ों का मठ व बेरण स्वास्थ्य केन्द्र के कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार करीब चार माह से भी अधिक समय से बिल के 52 हजार रुपए से अधिक का भुगतान नहीं किया गया है। अस्पताल स्टाफ व प्रबंधन ने संबंधित अधिकारियों को कई बार सूचना दी, फिर भी बिल नहीं चुकाए गए। ये तीनों अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हैं। मालवा का चौरा पीएचसी के डॉ. महेन्द्रकुमार का कहना है कि उन्होंने विभाग के आला अधिकारियों को सूचना दे दी है। शीघ्र भुगतान कर दिया जाएगा, जिसके बाद बिजली बहाल हो जाएगी।

मरीजों-प्रसूताओं को हो सकती है परेशानी
मालवा का चौरा पीएचसी में हर माह 30 से ज्यादा प्रसव होते हैं। मरीजों की संख्या भी ज्यादा रहती है। अस्पताल में बिजली नहीं होने से परेशानी बढ़ सकती है। पीएचसी के एक कर्मचारी का कहना था कि अस्पताल में इन्वर्टर की सुविधा है, लेकिन लगातार दो दिन तक सप्लाई नहीं मिलने के कारण इसकी बैटरियां भी डिस्चार्ज हो चुकी हैं।
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सडक़ निर्माण में खामियों से दुर्घटना की आशंका

उदयपुर. जावरमाइंस से टीडी मार्ग पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करवाए जा रहे माइनिंग एरिया रोड के सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य में कई कमियां बरती जा रही है, जो इस मार्ग से गुजरने वालों के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई है। जावरमाइंस से टीडी (किलोमीटर 0/0 से 5/600) किलोमीटर के बीच जारी कार्य को लेकर सडक़ के किनारे खुदाई के दौरान वहां किसी प्रकार की रिबिन नहीं लगाई हुई है। पहाड़ी एवं संकरी सडक़ में जारी इस कार्य को लेकर दोनों छारों पर किसी तरह का सूचना पट्ट भी नहीं लगाया गया है। ऐसे में गति से आने वाले वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी हुई हैं। दूसरी ओर 537 लाख रुपए की लागत वाले इस कार्य में सडक़ किनारे बेंच मार्क स्थापित नहीं किए गए है। मौके पर प्रयोगशाला भी स्थापित नहीं की गई है।
…तो कैसे होगा भुगतान
विभाग मामले में मुटाम लगाकर रीडिंग नहीं लिखे जाने की अनिवार्यता से इनकार कर रहा है। दूसरी ओर मौके पर रॉक मेटेरियल सहित रोड कटिंग जैसे कार्य होने हैं। ऐसे में यह कैसे तय होगा कि संवेदक की ओर से कितनी खुदाई की जा रही है। कितने हिस्से में हार्ड रॉक निकालने के लिए प्रयास हो रहे हैं।
देंगे आवश्यक निर्देश
निर्माण में बरती जा सुरक्षा खामी को लेकर निर्देश दिए जाएंगे। कार्य चौड़ाईकरण से जुड़ा हुआ है। इसलिए मुटाम की आवश्यकता नहीं है। सडक़ निर्माण में थिकनेस के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
अशोक उपाध्याय, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी उपखण्ड-2
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