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उदयपुर

हिचकोले खाते हुए सफर करने को मजबूर, अधिकारियों और नेताओं को नहीं दिखती सडक़ों की दुर्दशा

सराड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर पहुंचने वाली हर सडक़ गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इन्हीं सडक़ों से सारे अधिकारी व नेता प्रतिदिन आते-जाते हैंं

उदयपुरOct 14, 2019 / 07:49 pm

madhulika singh

हिचकोले खाते हुए सफर करने को मजबूर, अधिकारियों और नेताओं को नहीं दिखती सडक़ों की दुर्दशा

हिचकोले खाते हुए सफर करने को मजबूर, अधिकारियों और नेताओं को नहीं दिखती सडक़ों की दुर्दशा

सराड़ा . राजस्थान में गत पांच वर्षों में सर्वाधिक सडक़ों का निर्माण सलूंबर विधानसभा क्षेत्र में करने का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के साथ ही जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से क्षेत्र में दूर-दूर तक सडक़ों पर डामर नजर नहीं आ रहा है।
उपखण्ड मुख्यालय पर पहुंचने वाली हर सडक़ गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इन्हीं सडक़ों से सारे अधिकारी व नेता प्रतिदिन आते-जाते हैंं परन्तु आज तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है जिससे क्षेत्रवासी परेशान हैं। जिला मुख्यालय से सराड़ा उपखण्ड मुख्यालय पर पहुंचने के लिए उदयपुर से डिगरी, केजड़ से पहुंचना पडता है। डिगंरी के बस स्टेण्ड के पास सडक़ पर एक-एक फीट के गहरे गड्ढे हैं, जहां वाहन का चलना तो दूर, पैदल गुजरना भी मुश्किल है। दूसरा मार्ग सेमारी, सुरखण्ड का खेड़ा वाला मार्ग है, जो दो पंचायत समितियों को जोड़ता है जो पूरी तरह टूट चुका है। तीसरा मार्ग परसाद, चावण्ड होते हुए उपखण्ड मुख्यालय पहुंचता है जिसकी स्थिति भी खराब है। तीनों ही मार्ग पर जान जोखिम में डाल कर सफर करना पड़ता है।

हमारी सरकार ने पूरे क्षेत्र में सडक़ों का जाल बिछाया था परन्तु वर्तमान सरकार सडक़ों को लेकर किसी प्रकार का बजट जारी नहीं कर रही है। सराडा उपखण्ड में बरसात के साथ ही बजरी का अवैध परिवहन के लिए संचालित डंपरों ने भी सडक़ों की स्थिति को बिगाड़ रखी है। सडक़ों की स्थिति को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया परन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अमृतलाल मीणा, विधायक सलूम्बर

सड़़कों को लेकर विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई। क्षेत्र की सडक़ों के लिए सरकार की ओर से बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी।
रघुवीर सिंह मीणा, पूर्व सांसद

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