script

SOCIAL FESTIVAL NEWS : पाक रमजान माह में करेंगे इबादत, बिखरेगी ईदुलफितर की खुशियां

locationराजसमंदPublished: Apr 10, 2018 11:36:20 am

Submitted by:

laxman singh

मुस्लिम समुदाय के पर्वों का सिलसिला आज से

Rajsamand,Rajsamand news,Rajsamand Hindi news,Rajsamand local news,rajsamand latest news,rajsamand latest hindi news,rajsamand latest hindi news rajsamand,Latest News rajsamand,Latest hindi news rajsamand,
देवगढ़. इस माह मुस्लिम त्योहारों की एक लंबी श्रंखला शुरू होने वाली है, जो करीब छह माह तक जारी रहेगी। इसके तहत सबसे पहले मंगलवार को कुंडों के त्योहार से शुरुआत होगी और यह सिलसिला मुहर्रम तक चलेगा। इस दौरान ईद जैसे बड़े त्योहार भी अपनी रौनक बिखेरेंगे।
कब कौन सा त्योहार
जामा मस्जिद के मौलाना ईरशाद रजा ने बताया कि वैसे तो इस्लामिक मुल्कों में रमजान, ईद और बकरीद के अलावा किसी त्योहार की मान्यता नहीं है, लेकिन हिन्दुस्तान में प्रचलित अलग-अलग रिवाजों के चलते हर छोटे-बड़े मौके को एक त्योहार की शक्ल दे दी गई है। यही वजह है कि यहां हर माह कोई न कोई त्योहार होता है। अप्रेल माह से मुस्लिम त्योहारों का सिलसिला शुरू होगा, जो 6 माह तक जारी रहेगा।
कुंडों का त्यौहार
इस्लामी माह रज्जब की 22 तारीख यानि मंगलवार को ईमाम जाफर के नाम की फातेहा दिलाई जाएगी। रिवाज खीर और पुड़ी को मिट्टी के कुंडे में भरकर खिलाने का है, इसलिए इस त्योहार का नाम कुंडे पड़ गया। लोग अपनी मन्नतों को लेकर तरह-तरह के पकवान से कुंडे भरते हैं। इस माह की 27 तारीख को शब ए मेराज की रात भी आती है, जिसमें सभी लोग रात भर इबादत करके गुजारते है।
शब-ए-बरात
पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। नमाज, तिलावत ए कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम काम हैं।
माह ए रमजान
रमजान माह का चांद 14 मई को दिखाई देगा। उसके मुताबिक 15 मई को पहला रोजा होगा और इसकी पहली तारीख होगी।

ईद उल फितर
पूरे माह के रोजों और इबादतों के ईनाम के रूप में अल्लाह ने बंदों को ईद का त्योहार अता किया है। इस वर्ष जून माह में ईद मनाई जाएगी। ईद उल फितर को मीठी ईद या सिवइयों की ईद भी कहा जाता है।
हज ए बैतुल्लाह
इस्लामिक शव्वाल माह में हज यात्रियों की रवानगी का सिलसिला ईद के बाद से शुरू हो जाता है। 45 दिन हज यात्रा पर जाने वालों के हज के अरकान पूरे होते हुए हज मुकम्मल हो जाता है।
ईद उल अजहा
हज पूरा होने के दो दिन बाद ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जाता। इसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। नमाज ए ईद के बाद कुर्बानी दी जाती है।

मुहर्रम
ईदुज्जुहा के 20 दिनों बाद मुहर्रम का चांद दिखाई देता है। मुहर्रम का चांद दिखते ही इस्लामिक नया साल शुरू हो जाता है। इसमें दस दिन तक ईस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे ईमाम हुसैन की शहादत के रूप में याद मनाई जाती है। इसमें मुहर्रम की 10 तारीख को ताजियों का जुलूस निकाला जाता है।

ट्रेंडिंग वीडियो