मेरा जीवन धन्य हो गया… नारायणलाल गमेती ने बताया कि सरसंघचालक के घर आने से ऐसा लग रहा है जैसे जीवन धन्य हो गया। बातचीत में गमेती बोले कि सरसंघचालक उनके छोटे से घर आए तो जीवन का स्वयंसेवकपन पूरा होने का आभास हुआ। गमेती ने कहा कि उनका यहां आना एक ईश्वरीय योग ही कहा जाएगा, इस तरह से सरसंघचालक आएंगे ऐसी तो उन्होंने कभी कल्पना तक नहीं की थी। परिवार वाले भी बेहद खुश है। सभी ने ये सपना देखा और इसका फल मिल गया, ऐसा महसूस हो रहा है। प्रान्त कार्यकारिणी की यहां बैठक चल रही है, इसलिए किसी ना किसी प्रान्त कार्यकर्ता के यहां भोजन करना होता है। इसलिए यहां के संगठन ने यह तय कर उन्हें बताया और वह यहां पधारे। गमेती ने कहा कि पानिया खाकर भागवत बोले कि जिसने बनाया उन्हें गोल्ड मेडल देना चाहिए। ऋषभदेव के निवासी सूरजमल ने पानिया बनाए थे।
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रविवार को भागवत उदयपुर के प्रबुद्धजनों को संबोधित करेंगे। हिरण मगरी सेक्टर.4 में विद्या निकेतन परिसर स्थित वैद्य भागीरथ जोशी सभागार में अपराह्न 4 बजे गोष्ठी होगी। इससे पूर्व अपने तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन शनिवार को सरसंघचालक डॉ. भागवत ने चित्तौड़ प्रांत के जागरण श्रेणी के प्रमुख कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। चित्तौड़ प्रांत के संघचालक जगदीश सिंह राणा ने बताया कि जागरण श्रेणी में संपर्क, सेवा एवं प्रचार विभाग आते हैं। जागरण श्रेणी के कार्यकर्ता समाज बंधुओं से प्रत्यक्ष सम्पर्क करने व संघ से जोडऩे का दायित्व निभाते हैं। इन्हीं दायित्वों से जुड़े कार्यकर्ताओं को सरसंघचालक डॉ. भागवत ने मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि चित्तौडगढ़़ प्रांत में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिले शामिल हैं।