READ MORE: दो साल में आठ जिंदगियां लील गया ये पुल, आखिर क्यों होती है यहां लोगों की मौत, पढ़ें पूरी खबर तीन टीमें दोनों को ढूंढने के लिए रवाना की। एक टीम मोबाइल लोकेशन के आधार पर पहले गुजरात पहुंची, फिर महाराष्ट्र गई। उसके बाद युवक का मोबाइल बंद होने से पुलिस को उस तक पहुंचने में देर लगी। मुम्बई, पुणे, यवतमाल, नागपुर, अमरावती, सूरत आदि के चक्कर लगाने और पांच दिन में 5000 किलोमीटर का सफर तय करने के बावजूद कामयाबी नहीं मिलने पर पुलिस को एकबारगी हताशा होने लगी थी, लेकिन गत 23 दिसम्बर की सुबह मिली सूचना के आधार पर पुणे पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के सहयोग से वहीं एक लॉज की तलाशी ली गई। किशोरी और युवक को डिटेन कर लिया गया। टीम दोनों को लेकर रविवार देर शाम भीण्डर पहुंची।
READ MORE: FLASHBACK UDAIPUR 2017: गुजरा साल इन राजनीतिक घटनाओं की वजह से किया जाएगा याद बता दें कि इस मामले को लेकर बुधवार को भींडर बंद रखा गया और रैली भी निकाली गई। हालात देख एसपी राजेन्द्र गोयल के निर्देशन में तीन टीमें बनाई गई थीं। एक टीम सहायक उपनिरीक्षक लालशंकर मीणा, कांस्टेबल हिंगलाज दान, रतनलाल जाट, लोकेश कुमार लांबा व महिला कांस्टेबल मीरा मीना को महाराष्ट्र व गुजरात भेजा गया। भीण्डर थानाधिकारी राजावत व कानोड़ थानाधिकारी राजेन्द्र गोदारा के साथ साइबर एक्सपर्ट टीम बनाई गई थी।