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इकॉनोमी ग्रोथ से ज्यादा बड़ी चुनौती इकॉनोमिक डवलपमेंट

locationउदयपुरPublished: Jan 28, 2020 02:21:36 am

Submitted by:

Pankaj

अर्थ व्यवस्था पर राष्ट्रीय सेमिनार

इकॉनोमी ग्रोथ से ज्यादा बड़ी चुनौती इकॉनोमिक डवलपमेंट

इकॉनोमी ग्रोथ से ज्यादा बड़ी चुनौती इकॉनोमिक डवलपमेंट

उदयपुर . इकॉनोमिक ग्रोथ से ज्यादा बड़ी चुनौती इकॉनोमिक डवलपमेंट की है। हम इकॉनोमी ग्रोथ को बढ़ाने की गणित में उलझे हैं, लेकिन इस ग्रोथ को कैसे प्राप्त करना है, इस तरफ ध्यान नहीं है। ये विचार पूर्व आईएफएस में अतिरिक्त निदेशक वैंकटेश शर्मा ने व्यक्त किए। वे सोमवार को राजस्थान विद्यापीठ के श्रमजीवी कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे। विषय ‘भारतीय की आर्थिक उन्नति: चुनौतियां एवं संभावनाÓ था। डिप्टी मेयर पारस सिंघवी, कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत, इंदौर के प्रो. गणेश कावडिय़ा, आईआईटी कानपुर के प्रो. केके सक्सेना, प्रो. एनके दशोरा, शांतिपीठ के अनंत गणेश त्रिवेदी, प्रो. शशि सांचिहार, प्रो. सुमन पामेचा, डॉ. पारस जैन, डिप्टी रजिस्टार रियाज हुसैन ने विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. पारस जैन ने किया। रियाज हुसैन ने आभार जताया।
अधिक से अधिक हो रिसर्च
सेमिनार में आए विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों से आहवान किया है कि वे अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च करें ताकि, अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में जितनी जल्दी हो सके, आंकडे उपलब्ध हो जाए। इससे नीति निर्धारण की व्यवस्थाओं में खासी मदद मिलने की संभावना रहती है। बताया गया कि देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में वर्तमान में इस विषय में रिसर्च करने वालों ने ऐसे कई नए आयाम स्थापित किए हैं, जो पूर्व में नहीं होते थे। कई देशों की सरकार तो इन रिसर्च डेटा को ही आधार बनाकर सारी नीतियों में शामिल करती है। इसके अलावा जो नीतियां बनाई जाती है उनमें भी यह डेटाबेस काफी कारगर होते हैं। कई देशों ने तो इस दिशा में कार्य कर कई प्रभावकारी परिणाम पेश किए हैं।
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