काहे के सेठ, राशन भी उधार लाते हैं
पुलिस व जांच अधिकारी ने बताया कि जब संबंधित बीमित परिवारों से उनकी फर्म के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जता दी तथा कहा कि काहे के सेठ, हम तो गांव के सेठजी से राशन-पानी उधार लाते हंै। दुकान या फर्म का हमें नहीं पता? पुलिस ने बताया कि बीमा क्लेम में खुलासे में गड़बडिय़ों के बाद चोकडिय़ा निवासी पुष्पा पत्नी रामा गमेती की रिपोर्ट पर मेल नर्स डालसिंह, उसका दलाल रमेश चौधरी, बीमा एजेन्ट दिलीप मेघवाल व पूर्व उपसरपंच शंकरलाल के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। सभी आरोपितों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हाथ लगे है वे अभी गांव से गायब है।
मौत पर किया जीमण, खिलाई नुक्ती-पुड़ी
परिजनों ने बताया कि रूपा गमेती की मौत ट्रैक्टर दुर्घटना से हुई थी। मेल नर्स ने कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे। उसके बाद टुकड़ों-टुकड़ों में कुछ पैसे दिए तो खाने में खर्च हो गए। ग्रामीणों के अनुसार रूपा गमेती की मौत के दौरान कथित डाक्टर साहब ने ही नुक्ती-पुड़ी बनाकर जीमण का खर्च उठाया था।
नाम- रूपा गमेती
मौत का कारण- ट्रैक्टर दुर्घटना
फर्म- भैरुनाथ ट्रेडर्स, झाड़ोल रोड
घोषणा- बिक्री कर विभाग में रूपा गमेती को फर्म मालिक बताया
कारोबार- परचूनी, स्टेशनरी सामान, खाद्य सामग्री व ऑयल बेचना बताया
सालाना टर्नओवर के आधार पर विभाग में उसका टैक्स भी जमा करवाया
व्यापार के स्थान के कॉलम में गैंग के सरगना डालसिंह ने स्वयं की पत्नी लक्ष्मीबाई के नाम से मकान में रूपा को किराएदार बताया।
बीमा की प्रीमियम राशि भरने के लिए आरोपितों ने फर्म मालिक बताए
बैंक-बीमा कंपनी, आयकर व बिक्री कर विभागों के अधिकारियों को गुमराह करने के लिए आरोपितों ने रूपा गमेती का शोक संदेश भी छपवाया। उसमें उसके पूरे परिवार व फर्म का नाम लिखने के साथ चार मोबाइल नम्बर दिए। तीन नम्बर तो फर्जी निकले लेकिन एक नम्बर उसके पुत्र नारू गमेती के पास मिला।