READ MORE: BIRDFAIR 2017 SPECIAL : सूई जैसी तीखी पूंछ के कारण इस पक्षी का नाम पड़ा पिनटेल तैरता हुआ घौंसला बनाता है ग्रेट क्रेस्टेड ग्रिब
यूरोप एवं मध्य एशिया से प्रवास कर आने वाला पक्षी ग्रेट क्रेस्टेड ग्रिब जिसे हिंदी में शिवा डुबडुबी कहा जाता है एवं इसका बायोलाॅजिकल नाम है (पोेडिसेप्स क्रिस्टाटस)। ग्रेट क्रेस्टेड ग्रिब के सर पर कलंगी जैसे दिखने वाले पंख इसे अन्य वाॅटर फाउल्स से अनोखा बनाते हैं। यह बहुत ही कम दिखाई देने वाले पक्षियों में एक है जो भारत में प्रवास करते हैं। पक्षी विशेषज्ञ अनिल रोजर्स बताते हैं कि उदयपुर के बर्ड विलेज मेनार में इनकी ब्रीडिंग रिकाॅर्ड की गई है, यह पक्षी तैरता हुआ घौंसला बनाता है एवं ये घौंसले जलीय वनस्पति से चिपक कर रहते हैं जिससे यह बहाव एवं हवा के साथ ज्यादा दूर नहीं गहरे पानी में नहीं जाते । पक्षी विशेषज्ञ डाॅ. अनिल त्रिपाठी ने बताया कि इनके ब्रीडिंंग डिसप्ले काफी आर्कषक होते हैं । उन्होंने बताया कि यूरोप में स्पेन एवं मध्य एशिया के अलावा अफ्रीका के कुछ हिस्से एवं आॅस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग इनकी स्थानीय रेंज है । ये यूरोप से मध्य एशिया में ब्रिड करते हैं राजस्थान में उदयपुर, जयपुर , कोटा में कई जगह इनकी उपस्तिथी दर्ज की गई है। परंतु पक्षी तो पक्षी होते हैं कहीं भी आ जा सकते हैं ।
यूरोप एवं मध्य एशिया से प्रवास कर आने वाला पक्षी ग्रेट क्रेस्टेड ग्रिब जिसे हिंदी में शिवा डुबडुबी कहा जाता है एवं इसका बायोलाॅजिकल नाम है (पोेडिसेप्स क्रिस्टाटस)। ग्रेट क्रेस्टेड ग्रिब के सर पर कलंगी जैसे दिखने वाले पंख इसे अन्य वाॅटर फाउल्स से अनोखा बनाते हैं। यह बहुत ही कम दिखाई देने वाले पक्षियों में एक है जो भारत में प्रवास करते हैं। पक्षी विशेषज्ञ अनिल रोजर्स बताते हैं कि उदयपुर के बर्ड विलेज मेनार में इनकी ब्रीडिंग रिकाॅर्ड की गई है, यह पक्षी तैरता हुआ घौंसला बनाता है एवं ये घौंसले जलीय वनस्पति से चिपक कर रहते हैं जिससे यह बहाव एवं हवा के साथ ज्यादा दूर नहीं गहरे पानी में नहीं जाते । पक्षी विशेषज्ञ डाॅ. अनिल त्रिपाठी ने बताया कि इनके ब्रीडिंंग डिसप्ले काफी आर्कषक होते हैं । उन्होंने बताया कि यूरोप में स्पेन एवं मध्य एशिया के अलावा अफ्रीका के कुछ हिस्से एवं आॅस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग इनकी स्थानीय रेंज है । ये यूरोप से मध्य एशिया में ब्रिड करते हैं राजस्थान में उदयपुर, जयपुर , कोटा में कई जगह इनकी उपस्तिथी दर्ज की गई है। परंतु पक्षी तो पक्षी होते हैं कहीं भी आ जा सकते हैं ।