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नवानिया तालाब पर दिखे हवासील, ट्रांस हिमालय से आए माइग्रेटरी बर्ड रोजी पेलिकन

locationउदयपुरPublished: Jan 13, 2019 01:08:21 pm

– पानी में तैरने व हवा में उडऩे वाला बड़ा पक्षी है हवासील

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नवानिया तालाब पर दिखे हवासील, ट्रांस हिमालय से आए माइग्रेटरी बर्ड रोजी पेलिकन

हेमन्त आमेटा/भटेवर. उदयपुर जिले के विभिन्न जलाशयों पर इन दिनो मेहमान पक्षीयों की अठखेलियो व कलरव लोगो को आकर्षित कर रहा है। जिसमें वल्लभनगर उपखंड क्षेत्र के नवानिया तालाब पर सोमवार को ट्रांस हिमालय से आए माइग्रेटरी बर्ड रोजी पेलिकन हवासील दिखे तो सब बस देखते रह गए। करीब 12 से 14 सदस्यीय हवासील का समूह नवानिया तालाब पर देखा गया। मछली खाने के शौकीन हवासील की तालाब में मौजूदगी ने जहां तालाब पर आने वाले ग्रामीणों के चेहरे पर भी खुशी ला दी वहीं पक्षीविदों का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित किया।
उडऩे वाला सबसे बड़ा परिंदा रोजी पेलिकन –

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार हवासील रोजी पेलिकन पानी में तैरने वाला व हवा में उडऩे वाला बड़ा पक्षी है मछली खाने का शौकीन हवासील समूह में रहते हुए मछली का शिकार करते हैं यह डुबकी नहीं लगाते केवल तैरते हैं साथ ही खरपतवार वाले पानी में नहीं बल्कि साफ पानी में तैरते हुए मछली का शिकार बनाते हैं। इनका सफेद रंग और लंबी चोंच दूर से ही आकर्षित करती है जिसमें एक थैली होती है शिकार करते ही मछली को इस थैली में डाल देते हैं। उड़ान के दौरान अपनी लंबी चोंच गर्दन पर रखते हैं। इस पक्षी को रोजी पेलिकन के अतिरिक्त ग्रेट व्हाइट पेलिकन के नाम से भी जाना जाता है। वन्य जीव विशेषज्ञों की माने तो यह एक वजनदार व बड़े आकार का उडऩे वाला पक्षी है इसमें नर पक्षी का वजन 9 से 15 किलोग्राम तथा तक होता है इतना वजन होने के बावजूद यह मजबूत व तेज उडऩे वाला पक्षी है यह मुख्यत: साइबेरिया, पूर्वी यूरोप से आते है जहा बर्फ पडऩे के कारण हजारों किलोमीटर उड़ान भरकर प्रजनन व भोजन के लिए भारत में आते हैं। शीत ऋतु की दस्तक के साथ ही इस पक्षी का भारत में आना आरंभ हो जाता है यह पक्षी प्रवास के दौरान तीन हजार किलोमीटर की ऊंचाई तक वी आकार में उडक़र यहां आते हैं। खास बात यह ये की इन पक्षियों की नाक नहीं होती यह अपनी लम्बी चोंच से ही सांस लेते हैं नर पक्षी मादा से आकार और वजन में बड़ा होता है।
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शेड्यूल-5 का संरक्षित पक्षी है हवासील

माइग्रेट बर्ड होने के बावजूद भारत में वाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के शेड्यूल-5 में इसे शामिल किया गया है इसके तहत इसका शिकार निषेध है। हवासिल का शिकार करने पर जेल और जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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