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सफेद कुर्ते पर भ्रष्टाचारी भूख के काले  दाग, खादी बंडी पर लौलुप सलवटे

locationउदयपुरPublished: Dec 07, 2019 12:07:25 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– सफेदपोश नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले- राज्य में विधायकों से लेकर सरपंच तक डूबे भ्रष्टाचार में
 

सफेद कुर्ते पर भ्रष्टाचारी भूख के काले  दाग, खादी बंडी पर लौलुप सलवटे

सफेद कुर्ते पर भ्रष्टाचारी भूख के काले  दाग, खादी बंडी पर लौलुप सलवटे

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. आमजन के सामने सफे दपोश बनकर बैठे कई नेताओं के कॉलर भ्रष्टाचार में काले हैं। लोगों को बड़े-बड़े वादों के जाल में फांसकर अपना उल्लू सीधा करने वाले इन नेताओं की हकीकत कुछ और ही है। नेताओं के दामन पर भ्रष्टाचार के किस कदर दाग जमे है ये जनता के लिए जानना जरूरी है। आमजन जिन लोगों के भरोसे अपने देश, राज्य और समाज की नई तस्वीर गढऩे के सपने संजोती है, आखिर इनमें से कुछ नेता उनकी भावनाओं पर कैसे कुठाराघात करते हैं। आइए जानते हैं…एक रिपोर्ट।
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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में गत 5 वर्षों, यानी वर्ष 2013 से 2018 तक जन प्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार में लिप्त पा, जाने पर कुल 271 प्रकरण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज किए गए।
जनप्रतिनिधि- प्रकरणों की संख्या-
विधायक- 04

महापौर नगर निगम, सभापति नगर परिषद, अध्यक्ष नगरपालिका- 53
प्रधान, सरपंच, पंचायतीराज- 214

कुल योग- 271

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ये है खास

पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों के तहत गांवों में सरपंच तथा वार्ड पंचों का चुनाव दलीय, राजनीतिक पार्टी आधार पर लडऩे का कोई प्रावधान नहीं है। पंचायतीराज कानून लागू होने के बाद सरपंच व वार्ड पंचों के लिए किसी भी राजनीतिक दलों की ओर से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए जाते हैं।
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ये है कानून
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के अनुसार यदि किसी जनप्रतिनिधि को विभिन्न अधिनियमों के अपराध दो वर्ष व इससे अधिक से दण्डनीय से संबंधित अलग-अलग धाराओं में दोष सिद्ध पाया जाता है तो वह दोष सिद्ध होने की तिथि से लेकर सजा पूर्ण होने के बाद 6 वर्ष तक जन प्रतिनिधि के चुनाव में भाग लेने के लिए योग्य नहीं होगा। इसी प्रकार पंचायती राज. अधिनियम 1994 की धारा 38 के अन्तर्गत पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधि, जिनके विरुद्ध नैतिकता अधमता संबंधी प्रकरण विचार के लिए न्यायालय में लंबित हो, उनके विरुद्ध कार्रवाई करने का प्रावधान वर्णित है।
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ये है उदयपुर के मामले

– वर्ष 2013- हुक्मीचंद गमेती, तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत सवीना, पंस गिर्वा- 2015 को चालान पेश – आठ दिन जेल
– वर्ष 2013- शारदा बाई- तत्कालीन सरपंच आमीवाड़ा, झाडोल, 2018 को चालान पेश, पांच दिन जेल
– वर्ष 2014- भैरूलाल- तत्कालीन सरपंच व मदनलाल उप सरपंच, ग्राम पंचायत कानपुर, 2016 में चालान
– वर्ष 2017- रामेश्वरलाल मेघवाल, तत्कालीन सरपंच, फतेहलाल जैन उप सरपंच, नंदकिशोर शर्मा, वार्ड पंच, भरतकुमार सेन वार्ड पंच ग्राम पंचायत गुन्दाली, प्रकरण जांच में है।
– वर्ष 2014- जूली डांगी, तत्कालीन सरपंच, गमेरलाल वार्डपंच, मांगीबाई, शांतिबाई, कालू व गमेरी वार्ड पंच ग्राम पंचायत अम्बेरी – प्रकरण कोर्ट में लम्बित
– वर्ष 2015- भूरसिंह- तत्कालीन सरपंच, ग्राम पंचायत पलासमा, पंचायत समिति गोगुन्दा, 5 से 8 अप्रेल तक न्यायिक अभिरक्षा में तीन दिन।
– वर्ष 2013- सीताराम डांगी, तत्कालीन सरपंच, आरोप पत्र पेश करना शेष,
– वर्ष 2013- बंशीलाल कुम्हार, तत्कालीन सरपंच, ग्राम पंचायत बेदला, दो दिन जेल, आरोप पत्र कोर्ट में पेश करना शेष।

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