ये हुए अन्य निर्णय – बैठक में ये तय हुआ कि अब छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थियों को यहां-वहां भटकना नहीं पडेग़ा। उन्हें पूरी सुविधा व जानकारी एक ही छत के नीचे दी जाएगी। इसे लेकर डीएसडब्ल्यू कार्यालय या इन्फोरमेशन ब्यूरो कार्यालय को काम सौंपा जाएगा।
– बीए व बीकॉम के साथ एलएलबी करने वाले इंटीग्रेटेड कोर्स के विद्यार्थियों को अब विश्वविद्यालय की चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा, यानी वे अब मताधिकार का उपयोग कर पाएंगे। अब तक वे वोट डालने से वंचित थे। इसके पीछे तर्क रहा कि एक ही विवि में दो नियम नहीं हो सकते हंै।
– विवि के बजट पर भी चर्चा की गई।
बैठक में भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत, गर्वनर नोमिनी बीपी सारस्वत, कुलपति अमेरिका सिंह, एडीएम सिटी अशोक कुमार, डीन पीजी प्रो. मदनसिंह राठौड़, डीन कॉलेज ऑफ कॉमर्स प्रो. पीके सिंह, साइंस कॉलेज डीन प्रो. जीएस राठौड़, प्रो. सीमा झालान विभागाध्यक्ष भूगोल, मैथेमेटिक्व स्टेटिक्स के प्रो. अजीत कुमार भाबोर राज्य सरकार के प्रतिनिधि श्रवण खटीक, निदेशालय कॉलेज एज्यूकेशन के प्रतिनिधि बीएल शर्मा, नियंत्रक व रजिस्ट्रार भूपेश माथुर मौजूद थे। बॉम में कुलपति सिंह ने अपने सामाजिक कार्यों को भी विस्तार से बताय्
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सारस्वत व कुलपति के बीच तीखी बहस
गवर्नर प्रतिनिधि सारस्वत व कुलपति सिंह के बीच दोनों असिस्टेंट डायरेक्टर फिजिकल एज्यूकेशन को हटाने को लेकर तीखी बहस हुई। जब सारस्वत ने कहा कि कुलपति को इस तरह से किसी को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है, तो उस पर कुलपति सिंह ने विरोध जताया कि वह कर सकते हैं क्योंकि उनके पास गवर्नर की चि_ी है, इस पर सारस्वत ने उन्हें चि_ी दिखाने को कहा, तो वह नहीं दिखा पाए, जबकि सारस्वत ने अपने मोबाइल से ही इस चि_ी को पढकऱ सुनाया कि इसमें नियम व परिनियम व नियमों के आधार पर निर्णय करने का उल्लेख है। सारस्वत ने बॉम की बैठक में कड़ा एतराज जताया और कुलपति से कहा कि जब आप किसी को नौकरी नहीं दे सकते तो किसी को हटाने का अधिकार भी आपके पास नहीं। ये काम और अधिकारी बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट यानी बॉम का है। सारस्वत ने कहा कि एक दिन के लिए रजिस्ट्रार अवकाश पर थे, तो ऐसा क्या हो गया कि किसी और से हस्ताक्षर करवाकर बर्खास्तगी के आदेश निकालने पड़े।