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उदयपुर के इस अस्पताल में हो रहा था क्रिटिकल ऑपरेशन और मरीज करता रहा डॉक्टर से बात

locationउदयपुरPublished: Oct 14, 2017 05:57:35 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

– एमबी हॉस्पिटल की उपलब्धि

mb hospital
उदयपुर . संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय ने मरीज को बिना बेहोश किए (अवेक क्रेनिऑटोमी) मस्तिष्क की जटिल सर्जरी करने का दावा किया है। मरीज के मस्तिष्क में ट्यूमर उस स्थान पर था, जहां से युवक के बोलने, समझने की शक्ति और शारीरिक क्रियाओं का नियंत्रण होता है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनय जोशी ने बताया कि प्रतापगढ़ निवासी अर्जुन (25) के दाहिने हाथ की कमजोरी, असामान्य बोलचाल एवं मिर्गी की बीमारी के बीच चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। यह सब देखते हुए चिकित्सालय के न्यूरो सर्जरी विभाग ने मरीज को बिना बेहोश किए 12 अक्टूबर को ऑपरेशन करने का निर्णय किया। इसके पीछे वजह थी कि ऑपरेशन के दौरान मरीज की बोलने-समझने एवं हाथ-पैर चलाने की क्षमता को बार-बार जांचा जा सके। इसलिए 4 घंटे का यह ऑपरेशन चुनौती पूर्ण था। इस ऑपरेशन के दौरान निश्चेतना विभाग की ओर से मरीज को विशेष पद्धति का उपयोग करते हुए केवल खास हिस्से को ही सुन्न किया गया ताकि ऑपरेशन से मरीज को दर्द नहीं हो और वह वांछनीय गतिविधियों को पूरा करने में सक्षम रहे। सर्जरी में निश्चेतना विभाग की डॉ. उदिता, डॉ. विक्रम, डॉ. हेमराज एवं डॉ. राजीव की टीम का विशेष योगदान रहा। सुधार के तौर पर मरीज के बोलने की क्षमता एवं हाथ पैर हिलाने की क्षमताएं बढ़ी हैं। ऑपरेशन के बाद से उसे दौरा भी नहीं पड़ा है। न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. तरुण गुप्ता, डॉ. गौरव जायसवाल के निर्देशन में असाधारण ऑपरेशन की सफलता में यह उपलब्धि भी विशेष कड़ी में शामिल की गई है।
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इधर, हुआ बालक के हृदय में छेद का ऑपरेशन
उदयपुर. गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में शुक्रवार को दो वर्षीय बालक के हृदय का ऑपरेशन किया गया। चितौडगढ़़ जिले के कचुरा निवासी दो वर्षीय कैलाश गायरी के हृदय में छेद था। चिकित्सकों की टीम ने हाइब्रिड शल्य चिकित्सा एवं परक्यूटेनियस डिवाइस पद्धति से ऑपरेशन किया। टीम ने दावा किया है कि यह राज्य का पहला मामला है, जिसे जीएमसीएच कार्डियक सेंटर ने ऑपरेशन किया। टीम में कार्डियक थोरेसिक व वेसक्यूलर सर्जन डॉ. संजय गांधी, डॉ. सुरेंद्र पटेल, कार्डियोलोजिस्ट डॉ. सीपी पुरोहित, डॉ. हरीश सनाढ्य, डॉ. रमेश पटेल, एनेस्थेटिस्ट डॉ. अंकुर गांधी, डॉ. कल्पेश मिस्त्री, डॉ. मनमोहन जिंदल, डॉ. धर्मचंद जैन शामिल थे। डॉ. पटेल ने बताया कि जन्म से हृदय में छेद से बच्चा अस्वस्थ रहता और बढ़त नहीं हो रही थी।
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