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पुजारी से रिश्वत लेने वाले कांस्टेबल को एक वर्ष की सजा

locationउदयपुरPublished: Nov 09, 2017 08:54:35 am

Submitted by:

Mohammed illiyas

-11 साल पहले रिश्वत में लिए थे चार सौ रुपए

bribe case
उदयपुर . पड़ोसी महिला से हुए झगड़े की दर्ज रिपोर्ट का निपटारा करने के एवज में पुजारी से रिश्वत लेने वाले कांस्टेबल को न्यायालय ने एक वर्ष के कठोर कारावास व चार हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि साथी कांस्टेबल को दोषमुक्त कर दिया।
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राजसमंद निवासी संदीप सनाढ्य ने गत 14 जुलाई 2006 को राजसमंद एसीबी के उपाधीक्षक को भरतपुर निवासी रतनसिंह पुत्र जीवनसिंह गुर्जर व मियाला भीम निवासी त्रिलोकसिंह पुत्र पूरणसिंह अहीर के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। सत्यापन पुष्टि के दौरान वे 400 रुपए पर रजामंद हो गए। ब्यूरो ने यह राशि लेते हुए कांस्टेबल रतनसिंह को नाथद्वारा चौपाटी के निकट पकड़ लिया, पूछताछ में साथी त्रिलोकसिंह द्वारा राशि मांगने पर ब्यूरो ने उसे भी गिरफ्तार किया। दोनों के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया। लोक अभियोजक गणेशशंकर त्रिवेदी ने 14 गवाह 33 दस्तावेज पेश किए। विशिष्ट न्यायालय सेशन (भ्रष्टचार निरोधक मामलात) के पीठासीन अधिकारी सुनीलकुमार पंचोली ने सुनवाई के बाद रिश्वत लेते पकड़े गए आरोपी रतनसिंह को भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में एक-एक वर्ष के कठोर कारावास व दो-दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि त्रिलोक को दोषमुक्त कर दिया।

यह था मामला

परिवादी सनाढ्य ने रिपोर्ट में बताया कि गत 29 जून 2006 को उसका पड़ोसी धापूबाई के साथ कचरा डालने के विवाद को लेकर झगड़ा हो गया था। वह शाम को ही मथुरा चला गया, पीछे से धापू की पुत्री ने थाने में उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवा दी। ४ जुलाई को जब लौटा तो कांस्टेबल त्रिलोकसिंह अहीर ने उसे चौकी पर बुलवाया। वहां जाने पर उसे ढाई घंटे बिठाए रखा व करंट लगाकर बंद करने की धमकी दी। मामले का निपटारा करने व छोडऩे की एवज में उसने छह सौ रुपए रिश्वत मांगी। उसने यह राशि नहीं दी तो दो दिन बाद त्रिलोक वापस आया और मंदिर में उसके साथ मारपीट कर दी। उसके बाद साथी रतनसिंह को पैसों के लिए भेजा जिसे ब्यूरो ने पकड़ लिया।
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