scriptअमरबेल की तरह जिंदगियों को आगोश में ले रहा कैंसर, आंकड़ों से दूर स्वास्थ्य विभाग | Cancer, taking away life like Amarbail, health department | Patrika News

अमरबेल की तरह जिंदगियों को आगोश में ले रहा कैंसर, आंकड़ों से दूर स्वास्थ्य विभाग

locationउदयपुरPublished: Jul 13, 2019 01:21:55 pm

Submitted by:

madhulika singh

आरएनटी मेडिकल कॉलेज RNT Medical College के कैंसर विभाग में पहुंचने वाले कैंसर रोगियों की संख्या गत चार साल में दोगुनी हो गई है, जो खतरे की घंटी है।

Cancer will be completely eradicated from this experiment.

Cancer will be completely eradicated from this experiment.

भुवनेश पण्ड्या/उदयपुर . आरएनटी मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में पहुंचने वाले कैंसर रोगियों की संख्या गत चार साल में दोगुनी हो गई है, जो खतरे की घंटी है। ये तो संभाग के सबसे बड़े चिकित्सालय के आंकड़े हैं जिसमें अन्य हॉस्पिटलों के आंकड़े शामिल नहीं हैं। चिकित्सा विभाग medical department के पास अन्य चिकित्सालयों के आंकड़े उपलब्ध नहीं है। कॉलेज में प्रतिदिन चार नए कैंसर रोगी पहुंच रहे हैं। महिलाओं में सर्वाधिक मामले स्तन कैंसर के सामने आ रहे हैं, जो प्रतिवर्ष 350 से 400 के बीच हैं। दूसरे नम्बर पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर हैं जिनकी संख्या 250 से 300 के बीच है। पुरुषों में कैंसर के सर्वाधिक 250 से 300 तक मामले मुंह व गले के कैंसर के सामने आ रहे हैं। दूसरे नम्बर पर फेंफड़े का कैंसर है, जिसकी संख्या 175 से 250 के बीच है।
जिले में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा मामले
भारत में प्रतिवर्ष 12 लाख लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं जिसमें 6.30 लाख महिलाएं एवं 5.50 लाख पुरुष शामिल हैं। प्रति एक हजार की जनसंख्या दो कैंसर रोगी हैं। हालांकि उदयपुर जिले की 30 लाख व शहर की करीब पांच लाख जनसंख्या को देखते हुए मरीजों की संख्या इस औसत आंकड़े को पार कर
चुकी है।
शरीर में कोशिकाओं का अनियमित रूप से बढऩा ही कैंसर है। कैंसर 100 से अधिक प्रकार का होता है। प्रमुख कैंसर इस प्रकार हैं:-
त्वचा का कैंसर: स्त्री और पुरुष दोनों में देखा गया है जिससे बचने के लिए खुद को तेज धूप और प्रदूषण से दूर रखना चाहिए।
ब्लड कैंसर : इसमें मरीज का वजन कम होने लगता है और खून की कमी हो जाती है। रात को पसीना भी आता है।
हड्डियों का कैंसर: यह अधिकतर बच्चों व बुजुर्गों को अपना शिकार बनाता है लेकिन इसके मामले बहुत ही कम पाए जाते हैं। कैल्शियम का भरपूर सेवन कर इससे बचा जा सकता है।
ब्रेन कैंसर: इसे ब्रेन ट्यूमर भी कहते हैं। ब्रेन ट्यूमर का उपचार जल्दी नहीं किया गया तो यह शरीर के अन्य भागों तक भी पहुंच सकता है जिसे रोक पाना आसान नहीं है।
स्तन कैंसर: महिलाएं स्तन की नियमित जांच करवाएं ताकि शुरुआती स्तर पर ही इसका उपचार किया जा सकता है।
कैंसर की रोकथाम
तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें।
कम वसा वाला भोजन करें तथा सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें।
नियमित व्यायाम करें।
प्रयोगशाला में नियमित जांच

जीवनचर्या में बदलाव से नियंत्रण संभव
कैंसर के मरीजों के लिए प्रतिदिन 30 से 40 कीमो थैरेपी और 70 रेडियोथैरेपी की जाती है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जीवनचर्या में बदलाव और तम्बाकू उत्पादों के उपयोग को बंद कर इसे नियंत्रित किया जाता है। डॉ नरेन्द्र राठौड़, कैंसर विशेषज्ञ महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
यह है स्थिति
वर्ष कुल मरीज इतने बढ़े
2014 8,707 2,500
2016 11,207 2,250
2018 13,457 2,560
2019 16,017 अब तक
(गणना जारी)


लक्षण
स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।
एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।
खराश, जो ठीक नहीं हो पाती।
स्वर बैठना या खांसी बंद नहीं होना।
आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन।
खाने के बाद असहजता महसूस करना।
निगलने में कठिनाई।
वजन में बिना किसी कारणवृद्धि या कमी।
असामान्य रक्तस्राव।
कमजोरी लगना या बहुत थकावट महसूस करना।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो