भारत में प्रतिवर्ष 12 लाख लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं जिसमें 6.30 लाख महिलाएं एवं 5.50 लाख पुरुष शामिल हैं। प्रति एक हजार की जनसंख्या दो कैंसर रोगी हैं। हालांकि उदयपुर जिले की 30 लाख व शहर की करीब पांच लाख जनसंख्या को देखते हुए मरीजों की संख्या इस औसत आंकड़े को पार कर
चुकी है।
त्वचा का कैंसर: स्त्री और पुरुष दोनों में देखा गया है जिससे बचने के लिए खुद को तेज धूप और प्रदूषण से दूर रखना चाहिए।
ब्लड कैंसर : इसमें मरीज का वजन कम होने लगता है और खून की कमी हो जाती है। रात को पसीना भी आता है।
हड्डियों का कैंसर: यह अधिकतर बच्चों व बुजुर्गों को अपना शिकार बनाता है लेकिन इसके मामले बहुत ही कम पाए जाते हैं। कैल्शियम का भरपूर सेवन कर इससे बचा जा सकता है।
ब्रेन कैंसर: इसे ब्रेन ट्यूमर भी कहते हैं। ब्रेन ट्यूमर का उपचार जल्दी नहीं किया गया तो यह शरीर के अन्य भागों तक भी पहुंच सकता है जिसे रोक पाना आसान नहीं है।
स्तन कैंसर: महिलाएं स्तन की नियमित जांच करवाएं ताकि शुरुआती स्तर पर ही इसका उपचार किया जा सकता है।
तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें।
कम वसा वाला भोजन करें तथा सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें।
नियमित व्यायाम करें।
प्रयोगशाला में नियमित जांच जीवनचर्या में बदलाव से नियंत्रण संभव
कैंसर के मरीजों के लिए प्रतिदिन 30 से 40 कीमो थैरेपी और 70 रेडियोथैरेपी की जाती है। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जीवनचर्या में बदलाव और तम्बाकू उत्पादों के उपयोग को बंद कर इसे नियंत्रित किया जाता है। डॉ नरेन्द्र राठौड़, कैंसर विशेषज्ञ महाराणा भूपाल हॉस्पिटल
वर्ष कुल मरीज इतने बढ़े
2014 8,707 2,500
2016 11,207 2,250
2018 13,457 2,560
2019 16,017 अब तक
(गणना जारी)
लक्षण
स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।
एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।
खराश, जो ठीक नहीं हो पाती।
स्वर बैठना या खांसी बंद नहीं होना।
आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन।
खाने के बाद असहजता महसूस करना।
निगलने में कठिनाई।
वजन में बिना किसी कारणवृद्धि या कमी।
असामान्य रक्तस्राव।
कमजोरी लगना या बहुत थकावट महसूस करना।