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आदिवासी अंचल में राष्ट्रीय पार्टियों को बीटीपी की चुनौती!

locationउदयपुरPublished: Mar 18, 2023 08:10:48 pm

Submitted by:

Abhishek Srivastava

भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेशाध्यक्ष डा. वेलाराम घोघरा ने टीएसपी क्षेत्र की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है...

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भाजपा-कांग्रेस
चुनाव की घड़ियां नजदीक आने के साथ ही आरोप, प्रत्यारोप, दावे-वादों के साथ सियासी बैठकों का दौर तेज हो गया है। आदिवासी बाहुल्य मेवाड़-वागड़ में राष्ट्रीय पार्टियों ने ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने इसी क्रम में जयपुर में बैठक बुलाकर उदयपुर संभाग के पदाधिकारियों को संगठन को मजबूत करने का मंत्र दिया। तय हुआ कि 25 मार्च तक जिलाध्यक्षों, मंडल और बूथ अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी। इसके साथ ही पार्षदों को चुनाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। अहम यह कि उदयपुर से जुड़े जिन नेताओं को मंडल और बूथ अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए कहा गया, वे खुद ही निवर्तमान हो चुके हैं। इसके अलावा सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए उदयपुर जिला कांग्रेस ने बजट की 60 हजार प्रतियां प्रकाशित कर घर-घर वितरित करवाना शुरू कर दिया है।
वागड़ की बात करें तो भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेशाध्यक्ष डा. वेलाराम घोघरा ने टीएसपी क्षेत्र की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है। साथ ही गैर अनुसूचित क्षेत्र में सहयोगी दलों के साथ चुनाव लड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बीटीपी के बैनर तले चौरासी और सागवाड़ा से विधायक बने राजकुमार रोत व रामप्रसाद डेंडोर बीटीपी विचारधारा से अलग है। वह दोनों ही कांग्रेस के चक्रव्यू में उलझ गए हैं। जिन उद्देश्यों से पार्टी से उन्हें चुनाव में उतारा था। अब लग रहा है कि वह उन उद्देश्यों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। बांसवाड़ा में भाजपा ने बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूती के लिए काम में तेजी दिखाई है। महीने के अंतिम सप्ताह से भाजपा कलक्टरी के घेराव की तैयारी में जुटी है।
राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की अंदरूनी राजनीति करवटें लेने लगी हैं। 10 मार्च को विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने पांचों मण्डलों के बूथ अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों की बैठक निजी आवास पर बैठक बुलाई तो संगठन भड़क उठा। जिला संगठन प्रभारी ने बूथ पदाधिकारियों को इसे अनुशासनहीनता बताते हुए नहीं जाने का संकेत भेजा, लेकिन 10 घंटे चली बैठकों में काफी संख्या में पदाधिकारी पहुंचे। पांच में से राणा राज सिंह मण्डल अध्यक्ष गणेश को नहीं बुलाया गया, जबकि इसी मण्डल के प्रभारी वहां मौजूद थे। पार्टी की जानकारी के बगैर विधायक द्वारा बूथ सम्मेलन बुलाने पर नाराज संगठन प्रभारी वीरेन्द्र सिंह चौहान ने इस मसले को पार्टी फोरम में उठाने की बात कही।
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