READ MORE : सलूंबर: कमला के हटते ही चिंता बढ़ी, पर मिल ही गया कमल… ये श्रद्धालु अल सुबह पुन: झील किनारे पहुंचें और यहां उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर सुख.समृद्धि की कामना की। छठ पूजा के दौरान फतहसागर रानी रोड़ छोर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ। जिसमें बिहारी समाज के बच्चों ने प्रस्तुतियां दी। इसके बाद बुधवार को उगते सूर्य की पूजा छठ पूजा के चार दिवसीय पर्व का समापन हुआ। इस दिन 36 घंटे निर्जल और निराहार रहकर व्रत कर रहे श्रद्धालु बुधवार को झीलों के किनारे पहुंचें। यहां उगते हुए सूर्य की पूजा करने के साथ ही कच्चे दूध, गंगा जल आदि से अघ्र्य दिया गया।