दो वर्ष पूर्व उठा ले गया ननिहाल से
बच्चे के परिजनों ने बाल कल्याण समिति को दिए बयानों में बताया कि दो वर्ष धन्नाराम भानपुर गांव से तीन किलोमीटर दूर ही अपने ननिहाल खोड़वरा गया था। वहां खेत से राजूसिंह बच्चे को बहलाफुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके बारे में उसके किसी को भी नहीं बताया। इस संबंध में उन्होंने बच्चे की गुमशुदगी रिपोर्ट उस समय सायरा थाने में दी थी लेकिन उसका पता नहीं चला था। तीन माह पूर्व मामा का लडक़ा फूलाराम सूरत में काम पर गया तो उसकी नजर धन्नाराम पर पड़ गई। उसने इस परिवार की जानकार सादड़ी निवासी कंचनदेवी माली को जानकारी दी। राजूसिंह को कॉल करने पर वह पहले मना करता रहा, कानूनी कार्रवाई की धमकी दी तो आरोपी उसे 12 जून को घर के बाहर छोड़ भागे। इसकी शिकायत थाने पर की तो आरोपी भी वहां आ गए और उन्होंने धमकाते हुए कागजों पर लिखा-पढ़ी कर दी।
बच्चे के बयान सुन रोंगटे हुए खड़े
बच्चे ने बयानों में बताया कि राजूसिंह उसे सूरत ले गया। वहां उसका साड़ी का काम था, उसने उसे एक कमरे में रखा था। साडिय़ों की घड़ी करना, टांके लगाने के काम के अलावा वह उससे घरेलू काम भी करवाते थे। विरोध करने पर राजूसिंह व उसकी पत्नी मारपीट करते थे। राजूङ्क्षसह आए दिन जलती अगरबत्ती व चिमटे से दागता था। समिति ने बच्चे के बयान पर उसका मेडिकल करवाने का आदेश दिया।
बाल कल्याण न्यायापीठ के समक्ष मामला आते ही अपात बैठक की गई। समिति के सदस्य बी.के.गुप्ता, सुशील दशोरा, डॉ.राजकुमारी भार्गव व हरीश शर्मा ने बच्चे के बयान कलमबद्ध किए। न्यायपीठ ने सायरा थानाधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तुरंत बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति कर आरोपी को गिरफ्तार करे। प्रकरण की सम्पूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट आगामी एक सप्ताह में व्यक्तिगत उपस्थित होकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करे।