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पढ़िए बारह साल के उस बच्चे की कहानी जिसे गांव का एक आदमी उठा ले गया था और फिर…

locationउदयपुरPublished: Jun 18, 2019 11:54:57 am

Submitted by:

Bhagwati Teli

एसपी ने दिए कार्रवाई के आदेश, बाल न्यायापीठ ने की रिपोर्ट तलब
मासूम को गर्म चिमटे व अगरबत्ती से दागा !
सूरत में मिला सायरा के खोड़वरा गांव से दो वर्ष पूर्व गायब हुआ बच्चा
तीन माह तक बच्चा देने से मना किया, बवाल हुआ तो घर के बाहर पटक गया,
बच्चे के शरीर पर दागने के निशान, हाथ-पांव पर थी सूजन

child became labor, tortured by the shopkeeper

पढ़िए बारह साल के उस बच्चे की कहानी जिसे गांव का एक आदमी उठा ले गया था और फिर…

मोहम्मद इलियास/उदयपुर नाम धन्नाराम, उम्र महज-12 साल। खेलने कूदने की इस उम्र में दो साल पहले गांव का ही राजूसिंह बिना परिजनों को बताए उसे उठाकर सूरत ले गया। वहां पर बच्चे को प्रताडि़त करते हुए छोटी उम्र में वे सब काम करवाए जिसमें बच्चे को समझ भी नहीं थी। मना करने पर मारपीट के साथ ही उसके मुंह व शरीर पर जलती अगरबत्ती व चिमटे भी दागे। डर के मारे इस बच्चे ने दो साल तक इस असहनीय पीड़ा को भी सहन किया। दर-दर भटकने के बाद तीन माह पहले परिजनों को बच्चे के बारे में पता चला तो आरोपी ने उन्हें पहले देने से मना किया।
बाद में उन्होंने धमकाया, बवाल मचा तो वह पांच दिन पहले घर के बाहर पटक कर भाग गया। घर पर पहुंचे इस बच्चे को देखने पर उसके हाथ-पांव में फ्रेक्चर होकर सूजन थी तथा चेहरे व शरीर पर जगह जलाने के दाग थे। बच्चे से मुख से प्रताडऩा की पूरी दास्तां सुनकर परिजन समाज सेविका कंचन देवी के साथ एसपी के समक्ष पेश हुए। एसपी ने सायरा थानाधिकारी को जांच के आदेश दिए।

दो वर्ष पूर्व उठा ले गया ननिहाल से
बच्चे के परिजनों ने बाल कल्याण समिति को दिए बयानों में बताया कि दो वर्ष धन्नाराम भानपुर गांव से तीन किलोमीटर दूर ही अपने ननिहाल खोड़वरा गया था। वहां खेत से राजूसिंह बच्चे को बहलाफुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके बारे में उसके किसी को भी नहीं बताया। इस संबंध में उन्होंने बच्चे की गुमशुदगी रिपोर्ट उस समय सायरा थाने में दी थी लेकिन उसका पता नहीं चला था। तीन माह पूर्व मामा का लडक़ा फूलाराम सूरत में काम पर गया तो उसकी नजर धन्नाराम पर पड़ गई। उसने इस परिवार की जानकार सादड़ी निवासी कंचनदेवी माली को जानकारी दी। राजूसिंह को कॉल करने पर वह पहले मना करता रहा, कानूनी कार्रवाई की धमकी दी तो आरोपी उसे 12 जून को घर के बाहर छोड़ भागे। इसकी शिकायत थाने पर की तो आरोपी भी वहां आ गए और उन्होंने धमकाते हुए कागजों पर लिखा-पढ़ी कर दी।

बच्चे के बयान सुन रोंगटे हुए खड़े
बच्चे ने बयानों में बताया कि राजूसिंह उसे सूरत ले गया। वहां उसका साड़ी का काम था, उसने उसे एक कमरे में रखा था। साडिय़ों की घड़ी करना, टांके लगाने के काम के अलावा वह उससे घरेलू काम भी करवाते थे। विरोध करने पर राजूसिंह व उसकी पत्नी मारपीट करते थे। राजूङ्क्षसह आए दिन जलती अगरबत्ती व चिमटे से दागता था। समिति ने बच्चे के बयान पर उसका मेडिकल करवाने का आदेश दिया।
बाल न्यायपीठ ने बैठक कर दिए निर्देश
बाल कल्याण न्यायापीठ के समक्ष मामला आते ही अपात बैठक की गई। समिति के सदस्य बी.के.गुप्ता, सुशील दशोरा, डॉ.राजकुमारी भार्गव व हरीश शर्मा ने बच्चे के बयान कलमबद्ध किए। न्यायपीठ ने सायरा थानाधिकारी को निर्देशित किया कि वह प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तुरंत बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति कर आरोपी को गिरफ्तार करे। प्रकरण की सम्पूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट आगामी एक सप्ताह में व्यक्तिगत उपस्थित होकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करे।
परिवादी ने दो दिन पहले पेश होकर घटना बताई थी। लिखित में रिपोर्ट के लिए कहा तो वह वापस आने का कहकर चले गए। बाद में पैसों के लेनदेन का मामला बताते हुए कानूनी कार्रवाई नहीं करने संबंधी रिपोर्ट दी। सोमवार को एसपी कार्यालय में पेश होकर रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट पर जो भी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। यशवंत कुमार, सायरा थानाधिकारी
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