READ MORE : Udaipur Bird Festival Special: सर्दी की दस्तक के साथ ही सबसे पहले भारत पहुंचते हैं शेलडक, 10 हजार किमी. का सफर तय कर आता है ग्रे लैग गूज फिल्म के जरिये छात्रों को शौचालय का महत्व बताया जाएगा व खुले में शौच से दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें अपने परिजनों को शौचालयों का निर्माण करने व उनका उपयोग करने के लिए भी प्रेेरित करने को कहा जाएगा। जैन ने बताया कि इस कार्य में एनजीओ का सहयोग भी लिया जाएगा। आगामी दिनों में महिलाओं को शौचालय के लिए जागरूक करने व अलग अलग ग्राम पंचायतों के मुुखिया व पटेलों का चयन कर उन्हें शौचालय बनाने के लिए प्रेेरित किया जाएगा। उससे पूर्व कोटड़ा उपखण्ड की ग्राम पंचायतों के ऐसे सरपंच, वार्ड पंच व पंचायत सहायकाेें के बारे में पता लगाया जाएगा जिनके घरो में अब तक शौचालय नहीं बने हैं।
यह है मुख्य समस्या
कोटड़ा के स्वच्छ भारत मिशन में सबसे निचले पायदान पर रहने का मुख्य कारण जलस्त्रोत की कमी है। कोटड़ा मुख्यालय को छोडक़र शेष सभी ग्राम पंचायतों की भौगोलिक परीस्थितियां विषम है।
कोटड़ा के स्वच्छ भारत मिशन में सबसे निचले पायदान पर रहने का मुख्य कारण जलस्त्रोत की कमी है। कोटड़ा मुख्यालय को छोडक़र शेष सभी ग्राम पंचायतों की भौगोलिक परीस्थितियां विषम है।