script.सीआईडी के दिमागी औजारों से होगा स्वास्थ्य बीमा क्लेम का ‘ऑपरेशन’ | CID's brain tools will lead to 'Operation' of Health Insurance Claim | Patrika News

.सीआईडी के दिमागी औजारों से होगा स्वास्थ्य बीमा क्लेम का ‘ऑपरेशन’

locationउदयपुरPublished: Aug 18, 2019 08:42:37 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

– मरीजों के घर जाकर पूछेगी सीआईडी ‘कहां हुआ ऑपरेशन कितना लगा पैसा ?’
– पहले मनमर्जी से लिया पैसा अब एक ‘गड़बड़’ कर देगी पर्दाफाश
– चिकित्सा विभाग से सीआईडी ने जुटाए निजी हॉस्पिटलों के दस्तावेज

 मरीजों के घर जाकर पूछेगी सीआईडी ‘कहां हुआ ऑपरेशन कितना लगा पैसा ?’

मरीजों के घर जाकर पूछेगी सीआईडी ‘कहां हुआ ऑपरेशन कितना लगा पैसा ?’

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी चिकित्सालयों ने जो मनमर्जी से जेब भराई के लिए सरकारी धन की फसल काटी है, जल्द ही उससे पर्दा उठने वाला है। दूध का दूध और पानी का पानी होने वाला है। सरकार के इशारे पर प्रदेश की सीआईडी ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े दस्तावेज जुटाना शुरू कर दिया है। उदयपुर में भी सीआईडी सीबी ने चिकित्सा विभाग से वो दस्तावेज जुटा लिए हैं, जिनमें किस निजी चिकित्सालय ने किस मरीज के लिए कितना पैसा इस बीमे के लिए क्लेम लिया है। इसमें खास बात ये है कि कोई भी अधिकारी इसे लेकर मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है।
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मरीजों से मिलकर जानेंगे हकीकत:

सीआईडी ने सरकार के गोपनीय निर्देश पर ये दस्तावेज चिकित्सा विभाग से जुटाकर अपना काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी सीआईडी इस पर काम कर रही है। सीआइडी से जुड़े कार्मिक अब ऐसे मरीजों के घर जाकर इसकी जानकारी लेने की तैयारी में हैं, जिनके उपचार में निजी चिकित्सालयों ने ज्यादा धनराशि क्लेम की है। कई बड़े निजी चिकित्सालयों पर सीआईडी की पूरी नजर है, जिसमें सरकार की मंशा के अनुरूप सभी बड़ी खर्च राशि वाले मरीजों की हकीकत जानना है।
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जोधपुर में खुल गई है पोलजोधपुर में सरकार ने संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का विशेष दल बनाया है जो इसे लेकर पूरी जानकारी जुटा रहा है कि आखिर जिन मरीजों से अधिक पैसा लेकर बड़े उपचार के दावे निजी हॉस्पिटलों ने किए हैं, क्या वे सही हैं। यहां बताया जा रहा है कि कई मरीज ऐसे सामने आए हैं, जिनसे बगैर उपचार के केवल जेब भरने के लिए निजी चिकित्सालयों ने मरीजों का इस्तेमाल किया है। यानी कई ऐसे मरीज मिले हैं, जिन्हें जिस बीमारी का उपचार बताया गया था, वह उन्हें है ही नहीं जबकि प्राइवेट हॉस्पिटलों ने उनके नाम से क्लेम उठा लिया है।

मैं इस बारे में कुछ भी बात करने में असमर्थ हूं। मुझे इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं हैं। महावीर सिंह राणावत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी सीबी उदयपुर

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यदि कोई सरकारी एजेंसी सरकार के निर्देश पर हमसे कोई जानकारी मांगती है तो हमें उपलब्ध करवानी होते हैं, इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है कि क्या दस्तावेज मांगे गए हैं।
डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर

ये जानकारी तो सीएमएचओ ही दे सकते हैं, कि सीआईडी क्या दस्तावेज जुटा रही है। हालांकि यहां जब भी संदेह होता है, तो हम निजी हॉस्पिटलों का क्लेम रोकते हैं, कुछ चिकित्सालयों का हमने क्लेम रोका था, बाद में जब सारी जानकारी स्पष्ट हुई तब हमने जरूरी राशि दी। जोधपुर में जरूर चिकित्सा दल इस तरह की जांच कर रहा है।
डॉ अखिलेश नारायण माथुर, संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उदयपुर जोन

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