त्रासदी से संबंधित आश्रित परिवार की पहले भी कई बार सूचियां मांगी गई, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। आश्रितों को लेकर आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार ने 01 नवम्बर, 2021 को सभी जिलों से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आश्रितों के नाम आदि की जानकारी मांगी थी।
त्रासदी में प्रदेश के मृतक और स्थाई रूप से लापता व्यक्तियों के लिए सरकार ने 29 जुलाई, 2013 को राहत पैकेज दिया था, जिसमें एक आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान रखा। लेकिन, 28 अगस्त, 2014 को यह प्रावधान खत्म कर दिया गया। अब सरकार ने फिर नए सिरे से अनुकम्पा नियुक्ति देने का निर्णय लिया है।
सरकार बदलने के साथ बदला निर्णय जून, 2013 की केदारनाथ त्रासदी के बाद तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के पीडि़त परिवारों के लिए 29 जुलाई, 2013 को राहत पैकेज जारी किया था। सहायता राशि के अलावा एक आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान रखा। प्रक्रिया भी शुरू हो गई, लेकिन दिसम्बर, 2013 में सरकार बदलते ही 28 अगस्त, 2014 को अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान खत्म कर दिया गया।
प्रदेश में इतनी जानें गई जयपुर 236 कोटा 57 जोधपुर 29 अजमेर 28 उदयपुर 22 करौली 19 दौसा 16 सवाई माधोपुर 11 अलवर 10 झालावाड़ 09
राजसमंद 09 भरतपुर 08 भीलवाड़ा 07 चित्तौडग़ढ़ 07 धौलपुर 07 झुंझुनूं 06 चूरू 05 टोंक 04 प्रतापगढ़ 04 नागौर 03 जालोर 03 डूंगरपुर 02
बूंदी 02 पाली 02 सीकर 02 बांसवाड़ा 01 बारां 01 सिरोही 01 यह है पूरा मामला प्रदेश के 511 लोग 9 साल पहले केदारनाथ त्रासदी के शिकार हुए थे। इसके बाद राजस्थान और उत्तराखण्ड सरकार ने मृतक आश्रितों से आर्थिक सहायता व नौकरी का वादा किया था। तत्कालीन गहलोत सरकार ने प्रभावित आश्रित को नौकरी के अलावा 5-5 लाख अनुग्रह राशि का पैकेज जारी किया था। उस समय उत्तराखंड सरकार ने भी ढाई-ढाई लाख रुपए दिए थे। दिसम्बर, 2013 में जालोर के एक और बूंदी के दो आश्रितों को नियुक्ति मिली थी। वसुंधरा सरकार ने निर्णय वापस ले लिया, लेकिन तीनों परिवार न्यायालय की शरण में पहुंचे और स्थगन आदेश ले आए।
ट्वीट में यह लिखा सीएम ने वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले एवं स्थाई रूप से लापता हुए राजस्थान के निवासियों के परिजनों को सम्बल देने के लिए 2013 में अनुकम्पा नियुक्ति की घोषणा की थी। कुछ लोगों को नियुक्ति दे दी गई थी, परन्तु सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने नियुक्तियां रद्द कर दी थी। मैं घोषणा करता हूं कि केदारनाथ त्रासदी के पीडि़तों के योग्य परिजनों को पुन: अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी।