इंशी और नेतल अब बोलने-सुनने लगी ये इंसी और नेतल जैसी कई बेटियों और नन्हे बेटों की कहानी है। जन्म के बाद परिवार वाले परेशान हुए, लेकिन अब वे बेहद खुश है, क्योंकि ईश्वर ने उनकी सुन ली और बेटे-बेटे स्वस्थ है। इस ऑपरेशन में प्रत्येक मरीज पर 8 से 12 लाख रुपए का खर्च होता है, लेकिन सरकारी स्तर पर हुए ऑपरेशन में एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ और जीवन बदल गया। एक बानगी महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में हुए कोक्लियर इम्लान्ट की।
डूंगरपुर जिले के बलवाड़ा गांव की इंशिरा उर्फ इंसी (6) जन्म से ही बोल सुन नहीं सकती थी। पिता इम्तियाज खान ने बताया कि अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में गए थे, इसके बाद किसी ने एमबी के डॉ. नवनीत माथुर का नाम बताया, वहां से उनसे संपर्क किया, बिना किसी पैसे कोक्लियर इम्पांट किया गया और अब वह ठीक होने लगी है। सुनने -बोलने लगी है। जून, 2019 में ऑपरेशन करवा 22 जून को मशीन लगाई थी। तीन वर्ष से यहां-वहां घूम रहे थे, लेकिन इस इम्प्लांट में न तो कोई पैसा लगा और ना ही अब कोई डर है।
परिवारजन है खुश वल्लभनगर क्षेत्र के नाहरपुरा गांव की नेतल गाडरी (7)भी जन्म से बोल-सुन नहीं सकती थी। पिता सुरेश ने बताया कि उनके जुड़वा बच्चे जन्मे थे, इसमें से एक ठीक था, लेकिन नेतल में ये कमी थी। निजी हॉस्पिटल में दिखाया तो 12 लाख रुपए का खर्च बताया। बाद में यहां की जानकारी मिली तो कुछ समय लगा लेकिन अगस्त, 2019 में ऑपरेशन करवा मशीन लगवा दी। अब वह प्रेक्टिस कर हल्का बोलने व बेहतर सुनने लग गई है। मां मंजू देवी सहित दादा-दादी भी खुश है।
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– प्रवीण- सलूम्बर 6 वर्ष – प्रीतम- भीलवाड़ा- 6 वर्ष
– चिराग- दरीबा उदयपुर- 3 वर्ष – नक्श- प्रतापनगर उदयपुर- 4 वर्ष
– ज्योतिकंवर- बांसवाड़ा- 3 वर्ष – लोचन पटेल- डूंगरपुर- 3 वर्ष
– केनी पाटीदार- बांसवाड़ा- 4 वर्ष
– प्रणव- चूरू- 3 वर्ष – अभय- चूरू- 6 वर्ष
– हेमेन्द्र- उदयपुर- 6 वर्ष – इंशिरा खान- डूंगरपुर- 4 वर्ष
– नेतल – उदयपुर- 6 वर्ष – सुमित- उदयपुर- 4 वर्ष
– तनीषा- उदयपुर- 6 वर्ष
—- 16 बच्चों का नि:शुल्क उपचार
अब तक 16 बच्चों का सफल इम्प्लान्ट महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में हो चुका है। पूरी टीम ने मेहनत से इन बच्चों का जीवन बदल दिया है। सबसे बड़ी बात ये है कि अब तक इन बच्चों पर एक पैसा परिजनों का नहीं लगा। सारा खर्च सरकार ने उठाया। इसमें भीलवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़ के बच्चे शामिल हैं।