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इस कारण से अटक गया सुपर स्पेशलिटी सेंटर, नहीं तो मई में ही हो जाता शुरू

locationउदयपुरPublished: May 04, 2019 11:43:38 am

Submitted by:

Bhuvnesh

– भूपाल हॉस्पिटल
– दैनिक छह हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं हॉस्पिटल में

भूपाल हॉस्पिटल-सुपर स्पेशलिटी सेंटर

भूपाल हॉस्पिटल-सुपर स्पेशलिटी सेंटर

भुवनेश पण्ड्या
उदयपुर . महाराणा भूपाल हॉस्पिटल परिसर में १५० करोड़ रुपए से अधिक की राशि से बनकर तैयार हुए सात मंजिला भवन सुपर स्पेशलिटी सेंटर को मई में शुरू होना था, लेकिन चुनावी आचार संहिता ने इसे अटका दिया। हॉस्पिटल में प्रतिदिन छह हजार से अधिक का आपीडी है जिनमें में करीब ७० प्रतिशत मरीजों को सुपरस्पेशलिटी सेवाओं की जरूरत रहती है। सुपर स्पेशलिटी सेंटर की शुरुआत में देरी से मरीजों को अहमदाबाद सहित अन्य बड़े शहरों एवं शहर के निजी चिकित्सालयों पर र्नि ार रहना पड़ रहा है।
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तीन वर्ष पहले शुरू हुआ निर्माण
२४ जुलाई २०१६ को इसकी नींव डाली गई। एचएससीसी नामक कंपनी ने ावन का निर्माण किया है, वहीं हाइट्स कंपनी ने इसमें इंस्ट्रूमेंट लगाएगा। इसकी शुरुआत इसी माह के अंतिम सप्ताह या जून माह के पहले सप्ताह में होने की सं ाावना है।
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फिलहाल ये हैं कमी
सुपर स्पेशलिटी सेन्टर में नौ वि ााग ाोले जाएंगे। नियमानुसार यह जरूरी है कि प्रत्येक वि ााग में तीन चिकित्सकों की टीम होना जरूरी है, लेकिन कई वि ााग एेसे हैं, जिनमें ये टीम पूरी नहीं है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रशासन की दलील है कि उन्होंने इसके लिए सरकार से चिकित्सकों की मांग कर र ाी है। नौ में से पांच वि ाागों में कुल १२ चिकित्सकों की जरूरत है। मेडिसिन, जीआई सर्जरी और रेडियोथैरेपी में ही पूरा स्टाफ है।
वर्तमान स्थिति
१. प्लास्टिक सर्जरी वि ााग – डॉ आरके पालीवाल

२. नेफ्रोलॉजी वि ााग -डॉ मुकेश बडजात्या
३. एंडोक्राइन वि ााग -डॉ संदीप कंसारा
४. जीआई मेडिसिन -डॉ विपिन

५. न्यूरोलॉजी वि ााग -डॉ तरुण रहलोत
६. यूरोलॉजी वि ााग- डॉ सुनील गोयल

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यह रहेगा स्वरूप
– बेसमेंट: पार्र्किंग, चिलिंग प्लान्ट, सेन्ट्रल स्टरलाइजेशन डिपार्टमेंट

– ग्राउण्ड लोर: रिसेप्शन व ओपीडी

– प्रथम तल- ओपीडी
– द्वितीय तल- चार वार्ड व वि ााग
– तृतीय तल- पांच वार्ड व वि ााग
– चतुर्थ तल- ४५ बिस्तर का आईसीयू

– पंचम तल- मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर
(मॉड्यूलर ओटी को ाासतौर पर संक्रमणरहित बनाने के लिए मेटेलिक साधनों का उपयोग किया गया है। इस ओटी में किसी प्रकार के कोने नहीं होंगे, स ाी को गोल बनाया गया है। )
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आचार संहिता के कारण फिलहाल इसे शुरू नहीं किया जा सकता। कार्य पूर्ण हो चुका है, उपकरण लगाने के कार्य की माह के अंतिम सप्ताह या अगले माह तक इसकी शुरुआत हो सकती है।
डॉ ललित रेगर, उपाचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर
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