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सरकार बदलते ही करवा रहे स्कूली पुस्तकों की समीक्षा, लेकिन कर दी यह बड़ी गलती !

locationउदयपुरPublished: May 19, 2019 06:43:08 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

पाठ्य पुस्तकों की कमेटी का ऐसा स्वरूपस्कूली किताबों की कमेटी में कोई स्कूल शिक्षक नहीं

ashok gehlot

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मुकेश हिंगड़/उदयपुर . सरकार बदलने के साथ ही प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई जाने पुस्तकों की समीक्षा करने के लिए कमेटियों का फिर गठन करना तो कोई नई कवायद नहीं है परन्तु आश्चर्य की बात यह है कि इन कमेटियों में कोई भी स्कूली शिक्षक नहीं है। इसको लेकर विभिन्न विचारधारा के अनुरूप बड़े-बड़े बयान तो आ रहे हैं लेकिन किसी भी राजनेता ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
उच्च शिक्षा से वास्ता रखने वाले ही कमेटी सदस्य हैं। सरकार बदलने के साथ ही फरवरी में बनाई गई दो कमेटियों में से एक के समन्वयक प्रो. बी.एम. शर्मा एवं दूसरी के प्रो. आई.वी. त्रिवेदी हैं। नई सरकार ने फरवरी में राज्य के सरकारी स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा करने के लिए कमेटियां का गठन किया गया था। कमेटी में शामिल विशेषज्ञों ने इसके लिए काम भी किया लेकिन शिक्षा जगत में यह चर्चा है कि कमेटी में स्कूली शिक्षा से जुड़ा कोई शिक्षक नहीं है। स्कूलों में पढ़ाई के दौरान इन पाठ्यपुस्तकों को लेकर क्या बिन्दू व कमियां सामने आई हैं जिन्हें स्कूली शिक्षक ही ज्यादा बेहतर बता सकता है। कॉलेज-स्कूल का मिश्रण होना चाहिए
स्कूली पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा के लिए जो कमेटियां बनाई जाती है, उसमें स्कूल व कॉलेज दोनों से जुड़े लोगों को शामिल करना चाहिए। इससे अच्छे परिणाम सामने आते हैं और बहुत कुछ अच्छा किया जा सकता है।
– वासुदेव देवनानी, पूर्व शिक्षा मंत्री
बच्चों की स्थिति और उनकी मनोदशा स्कूल में पढ़ाने वाला शिक्षक ज्यादा जानता और समझता है। वैसे इन कमेटियों में पहले भी स्कूली शिक्षा से जुड़े लोग हुआ करते थे। – डॉ. मनोहर सिंह राजपूत (स्कूल शिक्षा से जुड़े)
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उच्च व स्कूली शिक्षा में बड़ा अंतर

स्कूली व उच्च शिक्षा के अध्ययन विधि में जमीन आसमां का अंतर है। स्कूली बच्चों ने बीते सत्र में क्या पढ़ा था और अभी क्या पढ़ रहे हैं, यह स्कूली शिक्षक ज्यादा बेहतर जानता है। शैक्षणिक माहौल व सीखने के माहौल में बड़ा अंतर है।

कमेटियों में सब उच्च शिक्षा वाले

कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाओं की कमेटी
सुखाडिय़ा विवि उदयपुर के पूर्व कुलपति आई.वी. त्रिवेदी समन्वयक, सहायक आचार्य जी.एन. घसिया, राजीव बगडिय़ा व आशीष व्यास सदस्य
कक्षा 9 से 12वीं तक की कक्षाओं की कमेटी
राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष बी.एम. शर्मा समन्वयक, सह आचार्य सुनीता पचार, सोहन लाल मीणा और पवन भंवरिया सदस्य


इधर, सीपी ने लिखा पत्र
इधर, चित्तौडगढ़़ सांसद सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखा। जोशी ने कहा कि सरकार की ओर से गौरवशाली इतिहास के तथ्यों को अपने मनमाने तरीके से परिभाषित करने का प्रयास एवं पाठ्यक्रमों मे इतिहास एवं महापुरूषो के बारे में अपनी राजनीतिक सोच थोपने का प्रयास असहनीय है।
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