कोविड-19 के रोगियों की निगरानी के लिए ‘कमेटी ’
- सरकार ने जारी किए नए आदेश
- किसी रोगी को लेकर लापरवाही नहीं हो

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. सरकार ने अब कोविड- 19 के रोगियों की निगरानी के लिए संभाग से लेकर जिला स्तर पर कमेटियां बनाने का निर्णय किया है, ताकि उनकी सार संभाल से लेकर किसी भी मामले में कोई कोताही नहीं बरती जाए। राजकीय व निजी चिकित्सालयों में कोविड 19 रोगियों का समुचित उपचार व सभी जरूरी मूलभूत सुविधाएं तय करने के लिए संभाग व जिलेवार कमेटियां गठित की जाएगी। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने यह निर्देश जारी किए हैं।
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संभाग स्तर पर जिला कलक्टर व नामित प्रतिनिधि- एडीएम से कम नहीं
- संयुक्त निदेशक- संबंधित जोन समन्वयक- वरिष्ठ फिजिशियन सहित अन्य नीचे के सभी सदस्य मेडिकल कॉलेज से रहेंगे।
- वरिष्ठ निश्चेतक- वरिष्ठ माइक्रोबायॉलोजिस्ट, - वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट,
क्षय रोग विशेषज्ञ - वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ,
- वरिष्ठ विशेषज्ञ पीएसएम - उप मुख्य चिकित्सधिकारी स्वास्थ्य
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संभागीय तकनीकी कमेटी: इस कमेटी में कलक्टर व उसके नामित प्रतिनिधि को छोडकऱ सभी सदस्य रहेंगे, कमेटी का यह दायित्व होगा कि वह कोविड- 19 के रोगियों के स्वास्थ्य से संबंधित आने वाली सूचनाओं का प्रतिनिधि तकनीकी रूप से आंकलन कर जरूरी निर्देश व रैफर की अनुशंषा करेगी।
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जिला स्तर - जिला कलक्टर व नामित प्रतिनिधि, एडीएम से कम नहीं - वरिष्ठ फिजिशियन चेस्ट व टीबी, शिशु रोग विशेषज्ञ - वरिष्ठ निश्चेतक, - वरिष्ठ माइक्रोबायोलॉजिस्ट - उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
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ये नियम: जिला स्तर की कमेटी जिले के सभी कोविड निजी चिकित्सालयों का निरीक्षण करेगी, निरीक्षण दल में कलक्टर का नामित प्रतिनिधि व न्यूनतम कोई भी दो सदस्यों की उपस्थिति में ही होगा। संभाग स्तर की कमेटीस संभाग में स्थपित सभी राजकीय व नि जी कोविड हॉस्पिटलों का निरीक्षण करेगी, दल में सभी जिला क लक्टर के प्रतिनिधि, संयुक्त िनदेशक जोन व मेडिकल कॉलेज के न्यूनतम दो विषय विशेषज्ञ अनिवार्य रूप से रहेंगे।
- सभी राजकीय व निजी कोविड हॉस्पिटल प्रभारियों का दायित्व होगा कि उनके संस्थान में कोविड 19 रोग से भर्ती होने वाले लक्षण कोविड केयर सेंटर के रोगियों को विशेष तौर पर मोडरेट व सिवियर रोगियों की स्थिति का आंकलन करने के लिए प्रपत्र में रोगी की स्थिति व सभी सूचनाएं नियमित इन्द्राज कर तकनीकी कमेटी को देगा। कमेटी देखेगी कि इसमें उपचार में प्रोटोकोल का पालन हो रहा है या नहीं। जिलों में उपलब्ध आइसोलेशन बेड की नियमित मोनिटरिंग करेगी। यदि कोई कोविड-19 रोगी जिले से अन्यत्र रैफर कयिा जाना है तो संभाग स्तर की कमेटी अनुशंषा के बाद ही रैफर करेगी।
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ये निर्देश पालने होंगे - ट्रिटमेंट प्रोटोकोल की पालना: कमेटिया अपने जिले के सभी राजकीय व निजी डेडिकेटेड सेंटर का भ्रमण कर हाई कोर्ट के निर्देशानुसार कम से कम रोगी के केन्द्र की ओर से जारी उपचार प्रोटोकोल के अनुसार करेंगे।
- कोविड रोगी की मृत्यु पर शव को शवगृह में सम्मानजनक तरीके से रखने की व्यवस्था हो।
- सभी हॉस्पिटलों में सीसीटीवी की सुविधा हो। ध्यान रहे निजता भंग नहीं हो।
- हॉस्पिटलों में स्टे्रस मैनेजमेंट के लिए हेल्प डेस्क बने। जरूरत पर व्यक्तिगत, मोबाइल या द ूरभाष पर रोगी या परिजन हेल्प ले सके।
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