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उदयपुर

खिलाने को है नहीं और हाथी लाकर बांध दिया

थ्री फेज कनेक्शन नहीं, एक्स-रे मशीन डेढ़ साल से पड़ी, खेमली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल

उदयपुरSep 19, 2019 / 12:49 am

Pankaj

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खिलाने को है नहीं और हाथी लाकर बांध दिया

नरेश जोशी/खेमली . सरकार की ओर से नि:शुल्क दवा, नि:शुल्क जांच समेत कई तरह की चिकित्सा योजनाएं संचालित है, लेकिन ग्रामीण स्तर पर स्थिति दयनीय है। बरसात के साथ ही जल जनित मौसमी बीमारियों के प्रकोप से हर कोई आहत है, वहीं सरकारी तौर पर चिकित्सा सुविधाओं का भारी अभाव है। इसी को लेकर राजस्थान पत्रिका ने हर गांव-कस्बे तक पहुंचकर पड़ताल की है। पढि़ए खेमली सीएचसी की रिपोर्ट-
कस्बे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन सुविधाओं का अभाव होने से आमजन को चिकित्सा लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां एक्स-रे मशीन लगे डेढ़ साल हो गया, लेकिन चिकित्सा विभाग मशीन के लिए थ्री फेस कनेक्शन उपलब्ध नहीं करवा पाया। ऐसे में मशीन होते हुए भी एक्स-रे की सुविधा नहीं मिल रही है।
कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की कमी है। जैसे-तैसे उपचार तो हो रहा है, लेकिन जांच व्यवस्था पुख्ता नहीं है। अस्पताल में प्रतिदिन 400 से अधिक रोगी आते हैं। इनमें से कई लोगों को एक्स-रे जांच की भी जरुरत होती है, लेकिन सुविधा नहीं मिल पाती। यहां रखी एक्स-रे मशीन धूल खा रही है। सोनोग्राफी जांच मशीन की सुविधा नहीं होने से क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल अथवा जिला मुख्यालय के अस्पतालों तक 45 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती है। आसपास के कई गांवों के बीच बड़े कस्बे का अस्ताल होने से यहां रोगियों की आवाजाही भी अधिक रहती है।
आयुष चिकित्सक उदयपुर में
खेमली में नियुक्त किए गए आयुष चिकित्सका को प्रतिनियुक्ति पर उदयपुर में भेज रखा है। ऐसे में खेमली क्षेत्रवासियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। गायनिक चिकित्सक नहीं होने से गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लिहाजा यहां प्रसव संख्या भी कम रहती है। सरकारी सूची की दवाओं में से कई प्रकार की जीवन रक्षक दवाएं खेमली सीएचसी में उपलब्ध नहीं है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को जिला अस्पताल से उपचार लेने की सलाह दे दी जाती है।
चल रही नीम हकीमों की ‘दुकानें’
मौसमी बीमारियों के चलते सीएचसी में रोगियों की तादाद अधिक रहती है। यहां उपचार में समय लगने, समय पर चिकित्सक के नहीं मिलने और दवाओं की कमी के चलते लोगों का रुख नीम हकीमों की ओर अधिक रहता है। अनुभवहीन नीम हकीम ग्रामीणों का उपचार कर सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। गांवों में प्रभावशाली लोगों से संपर्क में रहते नीम हकीम चिकित्सा महकमे की पहुंच से बचे रह जाते हैं।
इनका कहना
थ्री फेस विद्युत कनेक्शन नहीं होने की मुझे जानकारी नहीं है। स्थानीय चिकित्सक से जानकारी लेकर कनेक्शन कराने की कार्रवाई करेंगे। झोलाछाप नीम हकीमों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जाएगा।
दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ, उदयपुर
एक्स-रे मशीन चलाने के लिए थ्री फेस कनेक्शन की जरुरत है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को सूचित कर रखा है। स्वीकृति पर आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। दवाओं की नई खेप आ गई है। फिलहाल स्थिति सामान्य है।
दिलीप शेखावत, चिकित्साधिकारी
कस्बे से कई गांव जुड़े हुए हैं, ऐसे में अस्पताल में सभी जांचें होनी चाहिए। थ्री फेस के कनेक्शन के लिए विद्युत निगम से बात की। डिमाण्ड राशि 10 लाख का खर्चा बताया। गायनिक डॉक्टर की मांग है। सोनोग्राफी की सुविधा भी मिलनी चाहिए।
मांगीलाल डांगी, सरपंच, खेमली

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