राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान खोजना हो तकनीक का मकसद का मकसद
उदयपुरPublished: Dec 16, 2019 01:29:51 am
भू-स्थानिक तकनीकों पर प्रशिक्षण संपन्न
राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान खोजना हो तकनीक का मकसद का मकसद
उदयपुर. वर्तमान में देश में भू-स्थानिक क्षमता विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। तकनीक का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान खोजना होना चाहिए। इस अन्तराल को भरने में भू-स्थानिक तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। ये विचार मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में शनिवार को भू-स्थानिक तकनीकों पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि एन.आर.डी.एम.एस. विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शुभा पांडे ने व्यक्त किए। भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, देहरादून के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. बी. एस. सोखी ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि ज्ञान एवं तकनीक को शोध तक सीमित रखने के बजाय उसका सार्वजनिक उपयोग होना चाहिए। विभिन्न विभागों की ओर से समान कार्य का दोहराव होने के बजाय आंकड़ों को साझा करना एवं समान मानकों का पालन आवश्यक है। अध्यक्षता करते हुए सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. एस. राठौड़ ने कहा कि प्रतिभागियों को कार्यशाला में सीखी गई तकनीक के प्रयोग के नए आयामों को खोजने का प्रयास करना चाहिए। यही कार्यक्रमों की सफ लता का मानक है। इस मौके पर प्रतिभागियों को डी.एस.टी. प्रतिनिधि ने प्रमाण-पत्र वितरित किए। संयोजक प्रो. सीमा जालान ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। सह संयोजिका उर्मी शर्मा ने आभार जताया। कार्यक्रम में 5 राज्यों के 22 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।