उदयपुर

निंदा बनती है अनेक दुखों का कारण

अशोक नगर स्थित जैन मंदिर में आयोजन, पिच्छी परिवर्तन में जुटे श्रावक

उदयपुरDec 09, 2019 / 01:00 am

Pankaj

निंदा बनती है अनेक दुखों का कारण

उदयपुर . मुनि पूज्य सागर और मुनि अनुकरण सागर का पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम रविवार को अशोक नगर स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में हुआ। मुनि पूज्य सागर ने कहा कि अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु की उपासना करने से पुण्य का संचय होता है। हमें इनके गुणों का चिंतन करना चाहिए। मुनि निंदा से अनेक दुख होते हैं। अखिल भारतीय दिगंबर जैन धर्म संरक्षणी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी, जमनाला हपावत ने दीप प्रज्ज्वलन किया। राजस्थान अध्यक्ष राजेश शाह, राजेन्द्र कोठारी, सुन्दरलाल डागरिया, अजीत मानावत ने क्रियाएं की। नई पिच्छी भेंट करने का लाभ जयमाला-प्रदीप चित्तौड़ा को मिला। पुरानी पिच्छी मधु-मनोहर चित्तौड़ा और साधना की पिच्छी राजेश शाह मुंबई को प्राप्त हुई।
प्रसन्न व्यक्ति ही खुशियां बांट सकता है -सुंदर सागर

आचार्य सुंदर सागर का प्रवेश सेक्टर 11 से विहार कर हुमड़ भवन तेलीवाड़ा में हुआ। दिगंबर जैन समाज समाज अध्यक्ष ने सूरजपोल चौराहे पर स्वागत किया। जैन जागृति महिला मंच अध्यक्ष एवं समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, जनकराज सोनी, शांतिलाल नागदा, देवेंद्र छपिया, अशोक शाह, समुद्र लाल दुदावत, कल्याण मेहता, भंवर गदावत मौजूद थे। आचार्य ने धर्मसभा में कहा कि आपके जीवन की छोटी सी अच्छी प्रवृत्ति सब और अच्छे वातावरण का निर्माण कर सकती है और छोटी सी दुष्प्रवृत्ति भी चारों और का वातावरण दूषित कर सकती है।
सद्कर्मों से जीवन सफल बनाएं
आर्य समाज हिरणमगरी के सत्संग में हरियाणा करनाल की वैदिक विदुषी अंजली आर्या ने वेदों के अनुसार कर्म करते हुए मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए प्रेरणा दी। कहा कि केवल मनुष्य को वाणी व हाथ ईश्वर ने दिए है। अत: हम वाणी से सत्य व मधुर बोलें तथा हाथ से ईश्वर का ध्यान आत्मा की उन्नति, वेदों का ज्ञान सफल जीवन, यज्ञ का अनुष्ठान हृदय व पर्यावरण की शुद्धि, संस्कारी संतान समाज व राष्ट्र के लिए बलिदान की भावना राष्ट्र की प्रगति के लिए रखें।

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