पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर धरना देकर प्रदर्शन किया। पदाधिकारियों ने कहा कि देश में एक साल हुआ नोटबंदी को लेकर लोग आज भी परेशान है और सरकार ने जिस मकसद से नोटबंदी लागू की वह तो पूरा हुआ ही नहीं। नेताओं ने कहा कि मोदी ने नोटबंदी के बाद जीएसटी से देश की आर्थिक स्थिति को बिगाडऩे का काम किया है जिससे आमजन व व्यापारी परेशान हैं।
READ MORE: शवों की हुई दुर्गति, अटके अंतिम संस्कार, चिकित्सकों की हड़ताल से क्षेत्रवार प्रभावित रहे, अन्य जिलों से एमबी हॉस्पिटल पहुंचे शव इधर, आम आदमी पार्टी की ओर से नोटबंदी की बरसी को धोखा दिवस के रूप में मनाया गया। बुधवार को आक्रोश रैली निकाली गई। रैली दोपरह 1 बजे देहलीगेट स्थित पार्टी कार्यालय से बापूबाजार, सूरजपोल, अस्थल मंदिर, झीणी रेत, धानमंडी, देहली गेट होते हुए कलेक्ट्री पहुंची और यहां प्रदर्शन किया गया। गौरतलब है कि केन्द्र की मोदी सरकार की ओर से गत वर्ष 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा की गई थी। भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण , जिसे नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी। यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।