ये बोले कटारिया उस समय से जनता ने बहुत संघर्ष किया। लालकृष्ण आडवाणी की 1990 की रथयात्रा के समय भी मेवाड़ में जो जोश था वह देखने लायक था। 1991 में पहली बार फैजाबाद में हम गिरफ्तार हुए है थे। वहां से हमे मेरठ के आगे बड़ौद जेल में रखा गया था। हम दूसरी बार जब वापस गए तब तक सब अयोध्या पहुंच गए थे। वहां कई दिन रुके। आज जब राम मंदिर के भूमि पूजन हो रहा है तो यह देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। मुझे खुशी है कि सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है और लोगों की दिल की भावना साकार हो रही है।
एक्सक्लूसिव : अशोक सिंघल के दिमाग में सेट था राममंदिर का खाका तब जो अयोध्या गए, वे बोले…. जब उदयपुर में लालकृष्ण आडवाणी आए वह दिन भी बड़ा खास था। लोग आड़वाणी की प्रतीक्षा में जुटे थे। बाद में जब हम अयोध्या गए तब हमारे पूरे जत्थे, जिसमें युवाओं की फौज थी सबमें जोश था। ऐतिहासिक उस यात्रा के बाद आज जब मंदिर का भूमि पूजन हो रहा है तो बहुत खुशी है।
– प्रमोद सामर, भाजपा नेता
– प्रमोद सामर, भाजपा नेता