समारोह की श्‍ाुुरुआत दीप प्रज्‍वलित कर करते हुए डॉ. कोठारी समारोह में उपस्थित गणमान्‍य अतिथ‍ि पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक डॉ गुलाब कोठारी को डी लिट की उपाधि प्रदान करते अतिथ‍ि समारोह में उपस्थित उपाध‍िधारक समारोह के दौरान बोलते हुए डॉ. गुलाब कोठारी समारोह के दौरान संबाेेध‍ित करते हुुुए डॉ. कोठारी डॉ. कोठारी ने कहा क‍ि हम एक बीज की यात्रा तय करें, बीज बन सके। हर बीज का एक ही सपना होता है कि किसी ना किसी तरह बड़ा पेड़ बन जाए। पेड़ बनने के लिए बीज की वहीं शर्त है कि जो बीज जमीन में गढऩे के लिए तैयार नहीं होता तब तक वह पेड़ नहीं बन सकता। डॉ. कोठारी ने कहा क‍ि हम जैसा दूसरा सृष्टि में कोई नहीं तो हमारे कर्म विशिष्ट क्यों नहीं हो। हमने कभी अपने स्वरूप को समझने का प्रयास ही नहीं किया। कृष्ण गीता में कहते है कि सभी प्राणी उनका ही अंश है। समारोह में उपाधि प्रदान करते हुए
समारोह की श्‍ाुुरुआत दीप प्रज्‍वलित कर करते हुए डॉ. कोठारी समारोह में उपस्थित गणमान्‍य अतिथ‍ि पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक डॉ गुलाब कोठारी को डी लिट की उपाधि प्रदान करते अतिथ‍ि समारोह में उपस्थित उपाध‍िधारक समारोह के दौरान बोलते हुए डॉ. गुलाब कोठारी समारोह के दौरान संबाेेध‍ित करते हुुुए डॉ. कोठारी डॉ. कोठारी ने कहा क‍ि हम एक बीज की यात्रा तय करें, बीज बन सके। हर बीज का एक ही सपना होता है कि किसी ना किसी तरह बड़ा पेड़ बन जाए। पेड़ बनने के लिए बीज की वहीं शर्त है कि जो बीज जमीन में गढऩे के लिए तैयार नहीं होता तब तक वह पेड़ नहीं बन सकता। डॉ. कोठारी ने कहा क‍ि हम जैसा दूसरा सृष्टि में कोई नहीं तो हमारे कर्म विशिष्ट क्यों नहीं हो। हमने कभी अपने स्वरूप को समझने का प्रयास ही नहीं किया। कृष्ण गीता में कहते है कि सभी प्राणी उनका ही अंश है। समारोह में उपाधि प्रदान करते हुए