——– ये है सरकार की तय कर रखी है दर: एमबी अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि राज्य सरकार राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की धारा 4 में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आम नागरिकों के लिए राज्य के निजी चिकित्सालय में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उपचार की अधिकतम दरें तय कर रखी हैं। सरकार ने जो दरें तय किए उनके अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण सामान्य इलाज के लिए नॉन एनएबीएल श्रेणी के सामान्य अस्पतालों में प्रतिदिन शुल्क 5000 रुपये रहेगा जिसमें पीपीई किट के 1200 रुपये भी शामिल हैं। वहीं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में एक दिन का उपचार शुल्क 5500 रुपये होगा जिसमें पीपीई किट के 1200 रुपए तथा प्रवेश शुल्क शामिल है। सरकार ने इस आदेश में कौन-कौन सी दवाएं व जांचों की क्या दर रहेगी ये भी स्पष्ट किया है। अस्पतालों को भी एनएबीएल से मान्यता वाले व गैर मान्यता वाले अस्पताल की दो श्रेणियों में रखा गया है। एनएबीएल से नहीं प्रमाणित अस्पतालों में इलाज की दर 5000 रुपये से 9000 रुपये तक प्रतिदिन तथा एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 5500 से 9900 रुपये प्रति दिन रखी गई है।
——- फिर भी निजी हॉस्पिटल पकड़ा रहे मोटा बिल सरकार की ओर से तय दरों के बावजूद कोरोना के उपचार के लिए जाने वाले रोगियों से निजी हॉस्पिटल मोटी राशि ले रहे हैं। कई बार ये शिकायतें सीएमएचओ कार्यालय तक पहुंचती है, लेकिन ये इस आपाधापी के दौर में अंजाम तक नहीं पहुंचती। चिकित्सा विभाग को भी चाहिए कि वह समय-समय पर इस पर लगाम कसता रहे।