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कोरोना खतरनाक मोड पर: सरकारी हॉस्पिटल में पलंग के लिए मारामारी शुरू, निजी में हो रही जेब खाली

locationउदयपुरPublished: Apr 08, 2021 08:27:03 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– लगातार बढ़ते रोगियों के कारण शुरू हुई खींचतान – व्यवस्था चरमराने की स्थिति: संक्रमण हुआ तेज

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. उदयपुर में कोरोना ने जैसे ही खतरे का मुंह खोला तो सरकारी हॉस्पिटल में पलंगों के लिए मारामारी शुरू हो चुकी है। एमबी हॉस्पिटल की ओर से अधिगृहित इएसआईसी हॉस्पिटल में 250 पलंगों की व्यवस्था है, लेकिन अब हालात बिगडऩे के कारण पलंगों की संख्या बढ़ाई जा रही है, लेकिन अभी से पलंगों को लेकर खींचतान दिखने लगी है, वहीं दूसरी ओर निजी हॉस्पिटल सरकार की ओर से तय की गई राशि से अधिक राशि लेकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
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ये है सरकार की तय कर रखी है दर: एमबी अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि राज्य सरकार राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की धारा 4 में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आम नागरिकों के लिए राज्य के निजी चिकित्सालय में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उपचार की अधिकतम दरें तय कर रखी हैं। सरकार ने जो दरें तय किए उनके अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण सामान्य इलाज के लिए नॉन एनएबीएल श्रेणी के सामान्य अस्पतालों में प्रतिदिन शुल्क 5000 रुपये रहेगा जिसमें पीपीई किट के 1200 रुपये भी शामिल हैं। वहीं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में एक दिन का उपचार शुल्क 5500 रुपये होगा जिसमें पीपीई किट के 1200 रुपए तथा प्रवेश शुल्क शामिल है। सरकार ने इस आदेश में कौन-कौन सी दवाएं व जांचों की क्या दर रहेगी ये भी स्पष्ट किया है। अस्पतालों को भी एनएबीएल से मान्यता वाले व गैर मान्यता वाले अस्पताल की दो श्रेणियों में रखा गया है। एनएबीएल से नहीं प्रमाणित अस्पतालों में इलाज की दर 5000 रुपये से 9000 रुपये तक प्रतिदिन तथा एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 5500 से 9900 रुपये प्रति दिन रखी गई है।
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फिर भी निजी हॉस्पिटल पकड़ा रहे मोटा बिल सरकार की ओर से तय दरों के बावजूद कोरोना के उपचार के लिए जाने वाले रोगियों से निजी हॉस्पिटल मोटी राशि ले रहे हैं। कई बार ये शिकायतें सीएमएचओ कार्यालय तक पहुंचती है, लेकिन ये इस आपाधापी के दौर में अंजाम तक नहीं पहुंचती। चिकित्सा विभाग को भी चाहिए कि वह समय-समय पर इस पर लगाम कसता रहे।
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