कोरोना काल: 25 दिन में भर्ती होने वालों की संख्या हुई दोगुनी
.िदसम्बर माह की शुरुआत में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 60 से कम थी, जबकि दिसम्बर पूरा होते होते ये संख्या 100 पार हो चुकी है। यदि इसी गति से मरीज बढ़ते रहे तो ना केवल पलंग कम पड़ सकते हैं, बल्कि एमबी प्रशासन को अलग से नई व्यवस्था के लिए भी तैयारी करनी पड़ सकती है।
- पूरे एहतियात की जरूरत

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. उदयपुर में इएसआइसी में भर्ती होने वाले कोरोना रोगियों की संख्या इस एक माह में दोगुनी हो चुकी है। जहां वर्ष के अंतिम महीने दिसम्बर की शुरुआत में इएसआईसी में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या 57 थी वहां अब ये संख्या बढ़कर 119 हो चुकी है। हालात ये है कि अब रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण पलंग भी कम पडऩे लगे हैं। वर्तमान में इएसआईसी में कुल पलंगों की संख्या 204 है, ऐसे में बचे हुए पलंग भी यदि भर जाएंगे तो बड़ी समस्या आ सकती है।
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निजी हॉस्पिटलों में खर्च हो रही राशि
निजी हॉस्पिटलों में उपचार करने वाले रोगियों को राशि चुकानी पड़ रही है। ऐसे में अधिकांश लोग इएसआईसी को प्राथमिकता देते हैं, ताकि बिना किसी खर्च के बेहतर उपचार मिल जाए। अब बढ़ती संख्या से हॉस्पिटल प्रशासन के पेशानी पर भी पसीना उभरने लगा है। उन्हें डर भी है कि कहीं कोरोना के शुरुआत वाले हाल फिर से नहीं बन जाए, जब पलंगों के लिए मरीजों में मारा-मारी होने लगी थी। बाद में तत्काल व्यवस्था करते हुए एमबी प्रशासन ने मरीजों को रखने के लिए एमबी के पीछे के हिस्से के स्वाइन फ्लू वार्ड का उपयोग किया था। हालांकि बाद में इसे पोस्ट कोविड सेंटर बनाना पड़ा।
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ऐसे बढ़ रहे है भर्ती होने वाले मरीज
दिनांक- मरीजों की संख्या
1 दिसम्बर- 57
2 दिसम्बर- 53
3- 54
4- 60
5- 71
6-82
7-89
8-97
9-97
10-101
11-99
12-92
13-84
14-88
15-91
16-91
17-102
18-94
19-97
20-99
21-102
22-110
23-113
24-117
25-116
26-119
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कुल - 514 बिस्तर
इएसआईसी- 204
पोस्ट कोविड- 70
संदिग्ध मरीजों के लिए - 28
सारी- 100
सेटेलाइट- 100
अन्य - 12
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कोरोना के नाम पर स्टाफ:
इसएसआइसी
नर्सेज- 105
सफाईकर्मी- 98
चिकित्सक- 35
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एमबी वार्ड
नर्सेज- 100
सफाईकर्मी- 90
चिकित्सक- 30
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सेटेलाइट हिरणमगरी
नर्सेज- 15
चिकित्सक- 8
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भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही
भर्ती होने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। ऐसे में मरीजों को पूरा एहतियात बरतना चाहिए। दिसम्बर की शुरुआत में संख्या कम थी, लेकिन बाद में अब काफी बढऩे लगी है। लोगों को पूरे कोरोना प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करना चाहिए, ताकि वे सुरक्षित रहे। जरूरत पडऩे पर ही चिकित्सालय की राह लेनी चाहिए।
डॉ आरएल सुमन, अधीक्षक एमबी हॉस्पिटल उदयपुर
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