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23 मार्च से 23 मई तक की स्थिति 23 मार्च से 23 मई तक कोरोना का संक्रमण तेजी से ऊपर की ओर उठा था, कई चिकित्सक व नर्सेज भी इस कोरोना का शिकार हुए। इस दौरान कैंसर वार्ड और कैंसर ओपीडी में मरीजों की आवाजाही पहले की ही तरह बनी रही, ये बात दीगर है कि स्टाफ जरूर कम हो गया था, लेकिन इसका असर मरीजों के उपचार पर नहीं पडऩे दिया गया।
—- – ये थी स्टाफ की स्थिति- अधिकांश स्टाफकर्मी को एसएसबी ब्लॉक में कोरोना के मरीजों के लिए भेजा गया था। दो स्टाफ को क्वारंटीन में भी भेजा गया था। चिकित्सक- 2नर्सेज- 6रेडियोग्राफर-2
—- ऐसे किया मरीजों का उपचार – कैंसर वार्ड में भर्ती हुए मरीज- 1210- केमोथैरेपी- 809- ओपरेशन थियेटर प्रोसिजर ब्रेके थैरेपी- 95- रेडिएशन थैरेपी-104- ओपीडी -2633 ——— जरूरतमंदों के लिए हॉस्पिटल हमेशा उपलब्ध है, सेवाओं को किसी भी स्थिति में बीच में रोका नहीं जा सकता। कैंसर के मरीजों को तो हर समय उपचार मिलना ही चाहिए। लॉकडाउन में भी नियमित ओपीडी चला तो हजारों की संख्या में मरीजों को इसका फायदा मिला।
डॉ नरेन्द्र राठौड़, कैंसर रोग विशेषज्ञ एमबी हॉस्पिटल उदयपुर