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उदयपुर में कोरोना के कप्पा वेरिएंट की होने लगी विदाई, अब डेल्टा का ‘राज’

locationउदयपुरPublished: Jul 29, 2021 07:59:45 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

…आईजीआईबी लैब दिल्ली भेजे नमूनों में से 120 की रिपोर्ट में 94 में डेल्टा आया सामने
– प्रति माह 30 नमूने भेजे जाते हैं- जिले में अभी तक डेल्टा प्लस का एक भी मामला नहीं

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भुवनेश पंड्या
उदयपुर. जिले में कोरोना के कप्पा वेरिएंट की विदाई होने लगी है तो अब यहां डेल्टा वेरिएंट ‘राज’ करने लगा है। आईजीआईबी लैब (इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एण्ड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी) नई दिल्ली भेजे जाने वाले नमूनों में से जो रिपोर्ट आ रही है उसमें ये बात सामने आ रही है। आरएनटी की माइक्रोबायोलॉजी लैब से प्रतिदिन का एक रेंडम नमूना छांटकर आईजीआईबी लैब भेजा जाता है। वहां से पिछले कुछ माह से नियमित रिपोर्ट लैब को भेजी जा रही है, जबकि इससे पहले की रिपोर्ट, जो अलग वेरिएंट होता था, वही भेजी जाती थी, सामान्य वेरिएंट पर रिपोर्ट नहीं भेजते थे।
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नवम्बर, 20 से भेज रहे हैं नमूने
आरएनटी की लैब से पिछले वर्ष नवम्बर से ही रेंडम कोरोना जांच के नमूने आईजीआईबी भेजे जा रहे हैं। पहले प्रतिमाह 100 नमूने जाते थे, लेकिन बीते तीन माह से प्रतिदिन का एक नमूना भेजा जा रहा है। वहां से समय-समय पर विशेष रिपोर्ट होने पर जानकारी दी जाती है। अप्रेल से लैब से रिपोर्ट नियमित भेजी जा रही है।
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कप्पा: कप्पा कोरोना वायरस का डबल म्यूटेंट यानी दो बदलावों से बना है। इसे बी.1.617.1 के नाम से जाना जाता है। वायरस के इन दो म्यूटेशन्स को ई 484 क्यू और एल 453 आर के वैज्ञानिक नामों से जाना जाता है। यह वेरिएंट उदयपुर में कोरोना की पिछले वर्ष शुरुआत से ही कोरोना मरीजों में सामने आ रहा था, जबकि पिछले कुछ माह से यहां डेल्टा के मरीज सामने आने लगे थे। लेकिन अब यहां कप्पा के गिने-चुने मरीज मिल रहे हैं और ज्यादातर डेल्टा के मरीज सामने आ रहे हैं। अभी वेरिएंट जांच के लिए भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट में सामने आया कि 120 में से केवल 26 नमूने कप्पा के हैं, बाकी सभी डेल्टा के सामने आए हैं।
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डेल्टा: दो म्यूटेशन के बाद डेल्टा का जेनेटिक कोड इ 484 क्यू और एल452 आर है, जो बी.1.617.2 कहा जाता है और इससे हमारा इम्यून सिस्टम भी फ ाइट करने में हार सकता है। यही वजह है कि ये हमारे शरीर के बाकी ऑर्गन्स को भी ये आसानी से अपनी चपेट में लेता है और मरीज को कमजोर कर सकता है। डेल्टा वेरिएंट खुद को शरीर के अंदर मौजूद होस्ट सेल्स से जोडऩे में अधिक कुशल है।
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लक्षण : सामान्य संक्रमण पर मरीजों में सर्दी, खांसी, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, बिना वजह थकान सहित कुछ कुछ कप्पा जैसे ही लक्षण, जिसमें सूंघने की क्षमता व स्वाद चला जाना भी होता है। कई बार मरीजों में डेल्टा के कारण बेहद तेज खांसी, सिरदर्द, गले में खराश जैसे लक्षण बने रहते हैं।
94 लोगों में डेल्टा वेरिएंट
जो रेंडम नमूने आईजीआईबी लैब भेजे गए हैं, उनमें से करीब 120 की रिपोर्ट आई है। इनमें 94 लोगों में डेल्टा वेरिएंट सामने आया है, कप्पा के मामले बेहद कम आ रहे हैं। फिलहाल डेल्टा प्लस का एक भी केस नहीं मिला है।
डॉ. अंशु शर्मा, प्रभारी माइक्रोबायोलॉजी लैब
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डेल्टा संक्रमण ज्यादा सामने आ रहा है, लेकिन सुखद है कि ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं, अधिकांश सामान्य स्थिति में हैं। मरीज सुरक्षित घर पर ही रहकर उपचार करवा रहे हैं।
डॉ. लाखन पोसवाल, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज

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