कोरोना ने फैलाए पैर तो कम पडऩे लगी उपचार की चादर
- बढ़ते मरीजों को रखने की समस्या फिर होने लगी मुखर
- सरकारी में नि:शुल्क, इसलिए सभी का सीधा संपर्क, निजी में हो रही जेब खाली

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. सर्दी के गहराते ही कोरोना संक्रमित भी बढऩे लगे हैं, ऐसे में अब उन्हें सरकारी स्तर पर इन मरीजों को नि:शुल्क रखने का संकट खड़ा होने लगा है। कुछ दिनों पहले तक मरीजों की घटती संख्या के कारण चिकित्सा महकमें को राहत मिल गई थी, लेकिन अभी फिर से कोरोना का ग्राफ ऊपर जा रहा है, वैसे-वैसे चिकित्साधिकारियों की सांस भी ऊंची-निची हो रही है। हालांकि इसे लेकर एमबी हॉस्पिटल ने फिर से 150 नए पलंग बिछाने की तैयारी की ली है, तो जरूरत पर अम्बामाता स्थित जिला चिकित्सालय का भी उपयोग किया जा सकता है।
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इसलिए है सरकारी की मोह
भले ही सरकार ने लाख प्रोटोकॉल खड़े कर दिए हैं, लेकिन निजी हॉस्पिटल अभी भी मरीजों से जमकर चांदी काट रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर मरीजों का मोह सरकारी ही है, क्योंकि यहां बिना किसी खर्च के बेहतर उपचार मिल रहा है, जबकि निजी हॉस्पिटल में तो मानों उन्हें हर घंटे की राशि अलग जोड़ कर लगा रहे हैं।
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फिलहाल कुल 514 पलंग है उपलब्ध : एमबी हॉस्पिटल के अधीन फिलहाल 514 पलंग कोरोना के नाम पर तैयार है, जबकि 150 नए पलंग फिर से बिछाए जा सकते हैं।
- इएसआईसी- 200
- सारी वार्ड, पोस्ट कोविड, स्वाइन फ्लू संदिग्ध- 214
- हिरणमगरी सेटेलाइट- 100
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निजी हॉस्पिटलों में पलंग
नाम हॉस्पिटल- कोरोना के लिए आरक्षित पलंग
गीतांजली- 363 पेसिफिक भीलो का बेदला- 193 पेसिफिक उमरड़ा- 195 एम्स बेडवास- 195 पारस- 25
जीबीएच मधुबन- 25
शर्मा मल्टीस्पेशलिटी- 30
चौधरी हॉस्पिटल- 20
सनराइज हॉस्पिटल- 18
अरावली हॉस्पिटल- 15
कल्पना नर्सिंग होम- 10
जेजे मल्टीस्पेशलिटी- 30
कुल पलंग- 1119
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फिर भी होम आइसोलेशन की सलाह
वर्तमान में उदयपुर में 1119 निजी और 514 सरकारी पलंग कोरोना के लिए तैयार किए गए हैं, लेकिन अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है, ताकि उन्हें आसानी से घर के माहौल में उपचार मिल सके।
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हमने तैयारी कर ली है कि यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है तो मनोरोग विभाग के ऊपरी हिस्से में जो वार्ड तैयार हो रहा है, वहां करीब 150 नए पलंग कोरोना मरीजों के लिए बिछाए जा सकेंगे। फिलहाल तो पलंग की कोई कमी नहीं है, लेकिन हम अतिरिक्त व्यवस्थाएं लेकर चल रहे हैं, जरूरत पर अम्बामाता जिला चिकित्सालय को भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
डॉ आरएल सुमन, अधीक्षक एमबी हॉस्पिटल उदयपुर
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