लॉकडाउन को मन से स्वीकारें कलक्टर ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन पूर्ण मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। ऐसे में आमजन को अपनी जागरूकता एवं भागीदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार एवं प्रशासन अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रहा है, लॉकडाउन भी किया है पर ये प्रयास तभी लागू होंगे जब लोग स्वयं इसे मन से स्वीकार करें, इनकी अनुपालना करें, खुद लागू करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना अभी गया नहीं है। ऐसे में सतर्कता ही इससे बचाव का बेहतर उपाय है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की नौबत इसीलिए आ रही है कि लोग कोरोना के डर को निकाल चुके है, जो ठीक नहीं है। कोरोना अपनी रफ्तार से फैल रहा है और इससे रोकना जरूरी है।
घूमने जाना मतलब कोरोना को आमंत्रण देना कलक्टर ने कहा कि इससे बचाव करना और इसे रोकना तभी संभव है जब लोग यह संकल्प कर लें कि वे अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलेंगे। यह फतहसागर, रानी रोड, बड़ी का तालाब, सुखाडिया सर्कल सब यहीं है, किन्तु अभी यहां घूमना उचित नहीं। जब हम पूर्ण रूप से संक्रमण से मुक्त हो जाएंगे तब यहां आराम से बे-रोक टोक घूम सकते हैं ,लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए सार्वजनिक एवं पर्यटन स्थलों पर एकत्रित होना संक्रमण या कोरोना को आमंत्रण देना ही है।