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गांवों की हवा भी हुई खराब, कोरोना के आंकड़े 50 से 500 तक पहुंचे

locationउदयपुरPublished: May 12, 2021 09:31:32 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

आंकड़े बता रहे सावधानी हटी तो स्थितियां खराब होगी, गांवों में पंच-सरपंच को सख्त होना होगा

Corona In Village

Corona In Village

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. गांवों के हालात खराब होने लगे है। कोरोना की चेन बढऩे लगी है। गांवों में संक्रमण दूसरी लहर ज्यादा भारी दिखाई दे रही है, गांव की हवा को खराब कर दिया है। बीते अप्रेल महीने की और अभी मई महीने के 1 से 11 मई आंकड़े यह बता रहे है कि गांवों में कोरोना संक्रमण आठ गुणा बढ़ गया है। शुरूआती चार अप्रेल तक तो गांवों में कोविड केस का आंकड़ा 50 के करीब था जो आज की तारीख में 400 पार हो गया है।
गांवों में संक्रमण बढऩे का सबसे बड़ा कारण यह है कि वहां रिपोर्ट कराने से पहले संक्रमित व्यक्ति घर से बाहर निकल रहे है जिससे संक्रमण बढ़ता जा रहा है और दूसरी बात कि एक ही घर में कम कमरों में परिवार के साथ रहने से दूसरे सदस्य भी संक्रमित हो रहे है। अब वहां संस्थागत क्वरंटाइन की व्यवस्थाएं शुरू की जा रही है ताकि संक्रमित दूसरों को संक्रमित नहीं करें।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद किया तब उन्होंने चिंता जताई थी गांवों की। वैसे गांवों में संक्रमण रोकने के लिए जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग ने घर-घर सर्वे शुरू कर रखा है और वहां सेम्पल भी बढ़ाए जा रहे है।

कुछ बानगी देखिए
1. वल्लभनगर के बाठरड़ा खुर्द को देखिए किराणे की दुकानों के आधे शटर पूरे दिन भर खुले रहते है और ग्राहकों की आवाजाही रहती है।
2. भीण्डर क्षेत्र में मंगलवार को 41 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए। ग्रामीण क्षेत्र में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रहे है।
3. भींडर के बांसड़ाखेड़ा गांव में 15 दिन में 6 मौत होने का आंकड़ा सर्वे में सामने आया, वहां हर घर में बीमारी की बात बताई जा रही है।
4. ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग सावधानी नहीं रख रहे है, वे बिना मास्क ही गांव में निकल रहे है, पुलिस ने कई लोगों को भगाया भी है।
5. गांवों में स्कूलों को क्वरंटाइन सेंटर बनाने की पहले जैसी नौबत शुरू हो गई है, इसका सीधा सा अर्थ है कि कोरोना गांवों में बढऩे लगा है।
6. सराड़ा, सेमारी, परसाद व जावरमाइंस क्षेत्र में केस बढ़े तो वहंा सराड़ा उपखंड क्षेत्र में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया।

पंच-सरपंच की भूमिका सबसे बड़ी होगी
गांवों में संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के नियम लागू है लेकिन अभी तक वहां सख्ती से पालना नहीं हो रही है। पुलिस भी हर छोटे-छोटे गांव ढाणी तक नजर रखे है लेकिन उनके निकलते ही लोग वापस घर से निकलने लग जाते है। अब गांवों में पंच-सरपंचों को कमान सख्ती से संभालनी होगी। पंचायतीराज के जनप्रतिनिधि गांवों में लोगों को जागरूक करें और इस समय की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है आदि चीजों से उनको समझाए।

ग्रामीण क्षेत्र में अप्रेल-मई के 11 दिनों का हिसाब

तारीख… पॉजिटिव आए… तारीख… पॉजिटिव आए
1 मई… 477… 1 अप्रेल… 50
2 मई… 498… 2 अप्रेल… 59
3 मई… 253… 3 अप्रेल… 54
4 मई… 304… 4 अप्रेल… 53
5 मई… 552… 5 अप्रेल… 74
6 मई… 381… 6 अप्रेल… 109
7 मई… 452… 7 अप्रेल… 102
8 मई… 420… 8 अप्रेल… 149
9 मई… 482… 9 अप्रेल… 103
10 मई… 358… 10 अप्रेल… 158
11 मई… 536… 11 अप्रेल… 227
(आंकड़े चिकित्सा विभाग के अनुसार)

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