बैंड-बाजे की स्वर लहरियां केवल तोरण तक
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने शादियों के लिए जो गाइडलाइंस जारी की है, उसमें बारात ना निकालने की भी पाबंदी है। ऐसे में शादीवाले घरों में बैंड-बाजे के लिए बजट भी सीमित हो गया है और समय भी। लोग केवल शगुन के लिए घरों के बाहर ही बैंड बजवा रहे हैं वहीं, तोरण पर थोड़ी देर के लिए बैंड-बाजे की रस्म पूरी की जा रही है। बैंड-बाजा बारात के साथ कभी आधा घंटा से एक घंटा तक चलता था, वहीं अब ये केवल 10 से 15 मिनट बजने तक सीमित होकर रह गया है। वहीं, घोड़ी का उपयोग भी लोग तोरण द्वार के लिए ही कर रहे हैं और दूल्हा भी यहीं घोड़ी चढ़ रहा है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने शादियों के लिए जो गाइडलाइंस जारी की है, उसमें बारात ना निकालने की भी पाबंदी है। ऐसे में शादीवाले घरों में बैंड-बाजे के लिए बजट भी सीमित हो गया है और समय भी। लोग केवल शगुन के लिए घरों के बाहर ही बैंड बजवा रहे हैं वहीं, तोरण पर थोड़ी देर के लिए बैंड-बाजे की रस्म पूरी की जा रही है। बैंड-बाजा बारात के साथ कभी आधा घंटा से एक घंटा तक चलता था, वहीं अब ये केवल 10 से 15 मिनट बजने तक सीमित होकर रह गया है। वहीं, घोड़ी का उपयोग भी लोग तोरण द्वार के लिए ही कर रहे हैं और दूल्हा भी यहीं घोड़ी चढ़ रहा है।
कारोबार को 70 प्रतिशत नुकसान शहर के बुलबुल बैंड के मास्टर बुलबुल ने बताया कि कोरोना के कारण पूरे साल नुकसान उठाना पड़ा है। अप्रेल व जून के सावों के स्थगित होने के बाद नवंबर व दिसंबर के सावों से ही कमाई की आस थी, लेकिन इस पर भी कोरोना हावी हो गया है। हर साल शादियों के सीजन में 100 प्रतिशत तक कारोबार होता था, वह घटकर 30 प्रतिशत तक रह गया है। वहीं, लोग बैंड-बाजा और घोड़ी केवल घरों व तोरण के लिए ही बुक करा रहे हैं। अब इसका समय घटकर 10-15 मिनट हो गया है। इसके अलावा जहां 40-50 लोगों के साथ बैंड-बाजे का पूरा लवाजमा लगता था, वो अब 10-15 लोगों तक सीमित रह गया है।
आधी रह गई घोडिय़ों की डिमांड
मास्टर बुलबुल ने बताया कि बैंड-बाजे में कलाकारों के साथ लाइट डेकोरेशन व घोड़ी सभी पूरा लवाजमा होता है। इसमें भी घोडिय़ों की डिमांड आधी रह गई है। अभी 30 घोडिय़ां हैं, लेकिन केवल 10 से 15 की ही बुकिंग है। ऐसे में इसका भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की गाइडलाइंस का वे पूरा पालन कर रहे हैं। बैंड-बाजे में उपयोग लाए जाने वाले हर उपकरण को सेनेटाइज किया जाता है और सभी बैंड वाले कलाकारों को मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करना जरूरी है। बिना मास्क के उन्हें साथ नहीं लाया जाता है।
मास्टर बुलबुल ने बताया कि बैंड-बाजे में कलाकारों के साथ लाइट डेकोरेशन व घोड़ी सभी पूरा लवाजमा होता है। इसमें भी घोडिय़ों की डिमांड आधी रह गई है। अभी 30 घोडिय़ां हैं, लेकिन केवल 10 से 15 की ही बुकिंग है। ऐसे में इसका भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की गाइडलाइंस का वे पूरा पालन कर रहे हैं। बैंड-बाजे में उपयोग लाए जाने वाले हर उपकरण को सेनेटाइज किया जाता है और सभी बैंड वाले कलाकारों को मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करना जरूरी है। बिना मास्क के उन्हें साथ नहीं लाया जाता है।