READ MORE : गुजराती मेहमानों से गुलजार हुई झीलों की नगरी …देखें तस्वीरें… कोठारी ने बताया कि यह काम पुश्तैनी है। उनका परिवार पहले राजा-महाराजाओं के लिए पगड़ी बनाने का कार्य करता था। समय के साथ पगड़ी का चलन कम होता गया, लेकिन इस संस्कृति को बचाने के लिए नए रूप में मेवाड़ की विभिन्न प्रकार की पगडिय़ां बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे इस कला को सराहना मिलने लगी और पगड़ी फिर सिर की शान बन गई। अब सेलिब्रिटीज से लेकर आमजन तक इसे पहनना पसंद करते हैं और स्पेशल डिमांड पर डिजाइनर पगडिय़ां तैयार की जाती हैं।
वेडिंग्स में डिजाइनर
साफा व्यवसायी जयंत ने बताया कि उदयपुर और देश-विदेश में होने वाली कई वेडिंग में अब रंग-बिरंगे तरह-तरह के साफे और पगडिय़ां मंगवाई जा रही है। अभी शादी का सीजन शुरू ही हुआ है जिससे उनके पास एडवांस में बुकिंग शुरू हो गई है। अब तक वे कई शादियों में काम कर चुके हैं जिनमें कई सेलिब्रिटी वेडिंग भी शामिल हैं। उदयपुर में होने वाली डेस्टिनेशन वेडिंग, एनआरआई वेडिंग्स में ज्यादातर फ्लोरल साफे की डिमांड रहती है। अब तो बारात में आने वाली कई महिलाएं भी पगडिय़ां पहनती हैं तो इनकी डिमांड बहुत बढ़ गई है।