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जमकर नोंचते रहे दरिंदे, वो पहनती रही ताज पर ताज, राजस्‍थान में बेटियों की स्थिति पर पढ़िए ये विशेष रिपोर्ट

locationउदयपुरPublished: Dec 30, 2017 04:59:04 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राजस्थान में बेटियां नित-नए सोपान चढ़ रही है।

crime against women
भुवनेश पंड्या/उदयपुर. आखिर वह बेटी ही तो है, जो हर किसी के चेहरे पर मधुर मुस्कान ला देती है। दुनिया में वे मां-बाप खुशकिस्मत है जिनके बेटियां है। मगर हमारे राज्य में बेटियों को निष्ठुर समाज ने पग-पग पर कई दंश दिए हैं, लेकिन वे बेटी ही हैं, जो कदम दर कदम सफलता और हिम्मत की मिसाल पेश कर हौसलों से पूरा जहां को नाप रही हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राजस्थान में बेटियां नित-नए सोपान चढ़ रही है। पेश है वर्ष 2017 में बेटियों की संघर्ष के बीच जीवटता की रिपोर्ट:

यहां हर बार हारती रही बेटी
राजस्थान में जनवरी से अब तक बेटियों पर हुए अत्याचार और दरिंदगी के आंकड़ों से हमारा सिर शर्म से झुक जाएगा। जनवरी से अक्टूबर 2017 तक 3129 दुष्कर्म के मामले सामने आए। इसके अलावा कई बेटियां दहेज एवं घरेलू हिंसा की आग में झुलसी। ये तो वे मामले थे, जो पुलिस तक पहुंच गए, कई ऐसे मामले हैं जिनमें हालात की मारी बेटी मुंह बंद कर चुपचाप सह रही है।
एक बानगी ऐसी भी… आंकड़ों पर नजर डाले तो
दहेज- आत्महत्या -महिला- छेड़छाड़- अपहरण
मृत्यु- दुष्प्रेरण -उत्पीडऩ
जनवरी -33- 11 -1150 -318 -298
फरवरी -29 -20 -1016- 695- 596
मार्च -31- 37 -3108 -1118- 934
अप्रेल -34 -10 -4117 -1521- 1312
मई -48 -24- 1230- 415- 449
जून -40- 08- 1421 -445 -327
जुलाई -34 -14 -1341 -453- 380
अगस्त -47 -16 -921 -425- 271
सितम्बर -49- 11 -967- 494 -303
अक्टूबर- 40 -16 -440- 465- 296
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– उच्च शिक्षा में इस वर्ष पहली बार बेटों की तुलना में बेटियों का नामांकन ज्यादा हुआ। 4.67 लाख लड़कियां व 4.64 लाख लडक़े नामांकित हुए।
– देश की पहली बीएसएफ महिला असिस्टेंट कमांडेंट बीकानेर की बेटी तनुश्री बनी। ग्वालियर में हुई पासिंग परेड़ का नेतृत्व किया, जिसकी सलामी गृह मंत्री राजनाथसिंह ने ली।
-जयपुर जिले के सांरग के बास गांव की 55 वर्षीय मीरा देवी की तीन बेटियों ने एक साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा में सफलता प्राप्त कर नया इतिहास रचा। कमला चौधरी, ममता चौधरी व गीता चौधरी ने किया यह कमाल।
– झुंझुनूं की बेटी आशा झाझडिय़ा ने माउंट एवरेस्ट फतह कर नई सुबह का उजियारा किया।
उदयपुर की बेटी कनिशा गर्ग मिसेज इंडिया 2017 बनी। पेशे से फैशन डिजाइनर कनिशा को दो लाख का पुरस्कार व वर्किंग कॉन्ट्रेक्ट मिला।
– चूरू मूल की कार रेसर शीतल दुग्गड़ को प्रतिष्ठित कमला गोयनका पुरस्कार मिला।
अजमेर की बेटियों हर्षा व वर्षा ने इंडियाज बेस्ट जुड़वा का पुरस्कार जीता।
– जापान में हुई महिला एशिया कप भारतीय हॉकी टीम में चूरू की बेटी सोनिका टांडी शामिल हुई। एशिया कप के लिए भी इसका चयन हो चुका है।
– भीलवाड़ा की बेटी राजलक्ष्मी नायक ने विश्व स्तरीय रोल बॉल खेल में स्वर्ण जीता।
– सुविवि उदयपुर में इस वर्ष दीक्षान्त समारोह में 13 छात्रों के मुकाबले 44 छात्राओं को विभिन्न परीक्षाओं में अव्वल रहने पर स्वर्ण पदक दिए। कुल 88 छात्रों व 114 छात्राओं ने उपाधियां प्राप्त की।
जयनारायण व्यास विवि जोधपुर में 70 में से 42 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले।
– महर्षि दयानन्द सरस्वती विवि अजमेर में 35 में से 26 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले।
– राजस्थान विवि जयपुर ? की शिखा को सबसे छोटी उम्र में एलएलएम करने पर स्वर्ण पदक दिया गया। उसने सीधे 10वीं में एडमिशन लिया था और 12 साल की उम्र में 12वीं कर ली थी। इसके बाद 20 साल की उम्र में एलएलएम किया।
-राजस्थान केन्द्रीय विवि अजमेर में इस वर्ष 22 में से 18 छात्राओं को स्वर्ण पदक मिले।

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